-शिवहर, सिकरहना, मधुबनी में डूबने और सर्पदंश से पांच लोगों की हुई मौत

PATNA: कोसी-सीमांचल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में धीरे-धीरे स्थिति सामान्य हो रही है। लगभग सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंच चुका है। गुरुवार को डूबने से पूर्णिया में दो और अररिया में एक व्यक्तिकी मौत हो गई। वहीं, कटिहार में आवागमन के साधन के अभाव में इलाज नहीं होने से एक महिला की मौत हो गई। पूर्णिया में बाढ़ की स्थिति अब नियंत्रण में आ गई है। बायसी, बैसा, अमौर एवं डगरुआ में लोगों के घरों में पानी घुसा हुआ है। महानंदा, परमान और बकरा के जलस्तर में गुरुवार को काफी कमी आई है। सुपौल में कोसी के जलस्राव में उतार-चढ़ाव जारी है। नेपाल प्रभाग के दोनों तटबंधों समेत सभी स्परों को पूर्णत: सुरक्षित बताया गया। विभिन्न कैंपों में विस्थापितों की संख्या 16,698 है। सहरसा के नवहट्टा, महिषी और सलखुआ प्रखंड के कई गांवों में अब भी बाढ़ का पानी जमा है। महिषी प्रखंड को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित नहीं होने करने से नाराज जनप्रतिनिधियों ने प्रखंड मुख्यालय में धरना दिया। मधेपुरा जिले के आलमनगर में रतवारा, खापुर व ईटहरी पंचायत के निचले हिस्से में पानी पहुंच चुका है। किशनगंज में भी महानंदा, मेंची, कनकई समेत सभी नदियों का जलस्तर घटने से जनजीवन सामान्य हो रहा है। नदी किनारे हो रहे कटाव से ग्रामीण सहमे हुए हैं। इस बीच अलग-अलग जगहों पर डूबने और सर्पदंश से पांच लोगों की मौत हो गई।

गंडक के जलस्तर में कमी

उत्तर बिहार की नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी रहा। मोतिहारी में सिकरहना नदी खतरे के निशान से ऊपर तो लालबकेया खतरे के निशान से नीचे रही। सीतामढ़ी में बागमती, लखनदेई, लाल बकेया और अधवारा समूह की नदियों के जलस्तर में कमी आई। गंडक के जलस्तर में कमी आने की बात कही गई है।