होल्डिंग कंपनियों का हिस्सा

एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के अनुसार, शिविंदर मोहन सिंह एक्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन के पद से इस्तीफा देने के बाद अपना जीवन 'सेवा' के लिए समर्पित कर देंगे। यहां दिलचस्प बात यह है कि बोर्ड में अभी भी उनकी सीट बरकरार रहेगी और ग्रुप की कंपनियों में आधे से ज्यादा स्टेक रखने वाली होल्डिंग कंपनियों का हिस्सा बने रहेंगे। बताया जा रहा है कि फोर्टिस हेल्थकेयर की बुधवार को सालाना जनरल मीटिंग के दौरान इसकी घोषणा की जा सकती है। सिंह और उनके बड़े भाई मलविंदर मोहन सिंह (43) के पास कंपनी में लगभग 71 फीसद हिस्सेदारी है। सिंह परिवार के फोर्टिस हेल्थकेयर में स्टेक की मौजूदा कीमत 5,636 करोड़ रुपये, जबकि रेलिगेयर एंटरप्राइसेज में होल्डिंग की 2,693 करोड़ रुपये हैं।फोर्टिस ने इस बारे में कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया।

फाइनेंस और अन्य एरिया में

आपको बता दें कि शिविंदर सिंह ने ड्यूक यूनिवर्सिटी से हेल्थकेयर में एमबीए की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने इस बिजनस में एंट्री की थी। मैथमैटिक्स में मास्टर्स डिग्रीधारी सिंह आंकड़ों में एक्सपर्ट हैं।सिंह परिवार कई पीढ़ियों से हेल्थकेयर बिजनस से जुड़ा रहा है। शिविंदर सिंह के दादा भाई मोहन सिंह ने 1950 में रैनबैक्सी की कमान संभाली थी, जो बाद में उनके बेटे परविंदर को विरासत में मिली। परविंदर के बेटों मलविंदर और शिविंदर ने रैनबैक्सी को कुछ वर्ष पहले बेचकर हॉस्पिटल्स, टेस्ट लैबोरेटरीज, फाइनेंस और अन्य एरिया में एंट्री की। हॉस्पिटल्स के अलावा सिंह बंधु रेलिगेयर एंटरप्राइजेज से भी जुड़े हुए हैं। साथ ही एसआरएल लैबोरेट्रीज के नाम से इनका डायग्नोस्टिक्स का कारोबार है। इसके साथ ही ग्रुप के पास दो प्रमुख आईटी कंपनियां भी हैं।

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