-वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक कर रहे तैयारी

-सभी सेंसर से आने वाली सूचना के लिए तैयार हो रहा सॉफ्टवेयर

-सॉफ्टवेयर को दिया गया है हाइड्रा नाम

>DEHRADUN: उत्तरभारत रीजन में आने वाले भूकंप की वैज्ञानिकों को अब तुरंत ही मोबाइल पर सूचना मिल जाएगी। यह सूचना केवल तीव्रता ही नहीं, बल्कि भूकंप की हर छोटे-बिंदु पर मिलेगी। इसके लिए वाडिया हिमालय-भू विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक एक सॉफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं, जिसे हाइड्रा का काम दिया जा रहा है। अब तक ऐसी जानकारी के लिए कंट्रोल रूम का सहारा लेना पड़ता है।

उत्तराखंड में लगाए जा चुके हैं उपकरण

आईआईटी रुड़की और वाडिया हिमालय भू विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिक अब तक दौ सौ से अधिक उपकरण उत्तराखंड और हिमाचल में लगा चुके हैं। यह सेंसर इस क्षेत्र में आने वाले भूकंप, उसके केंद्र और उसकी तीव्रता सहित तमाम जानकारी देते हैं।

विदेशी वैज्ञानिकों से मांगा डाटा

भूकंप को लेकर वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा.सुशील कुमार ने नेपाल के वैज्ञानिकों के साथ स्टडी को लेकर समझौता किया है। इसके अलावा अमेरिका सहित और फ्म् देशों के वैज्ञानिकों से इस पर चर्चा हो चुकी है। इसके तहत हाल ही में आए भूकंप पर एकत्रित किए गए डाटा का आदान-प्रदान किया जाएगा। फिर इन डाटा पर शोध कर भविष्य में भूकंप के खतरों के नतीजे निकाले जाएंगे.

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हाइड्रा सॉफ्टवेयर से मिलेगी मदद

वैज्ञानिकों को इस सॉफ्टवेयर से काफी मदद मिलेगी, क्योंकि वैज्ञानिकों को भूकंप आने पर मोबाइल पर ही सूचना मिल जाएगी। इससे लाभ यह होगा कि वैज्ञानिक उस भूकंप की स्थिति से संवदेनशीलता का अंदाजा तुरंत लगा सकते हैं। वहीं यदि उसके आसपास दूसरे भूकंप आने की संभावना होगी तो उसे लेकर अलर्ट कर सकते हैं।

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हिमालय के नीचे इतनी एनर्जी है कि बडे़ भूकंप का खतरा लगातार बना हुआ है। ऐसे में केवल भूकंप को लेकर की गई प्लानिंग ही बचाव है। हमें हाईटेक तकनीक से भवन बनाने होंगे, ताकि भूकंप से नुकसान कम हो। वहीं हम अपने उपकरण को हाइड्रा नाम के सॉफ्टवेयर से जोड़ रहे हैं, जिससे मोबाइल पर भूकंप की जानकारी मिल जाएगी।

--डा। सुशील कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान

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