- यूटीएस मोबाइल एप से टिकट के लिए सिर्फ स्कैन करना होगा कोड

- लाइन लगाने से मिलेगी आजादी, झटपट हो जाएगा टिकट

- स्टेशन पर जगह-जगह लगाया जाएगा क्यूआर कोड का पोस्टर

GORAKHPUR: स्टेशन पर टिकट लेने के लिए लंबी लाइन, असली-नकली के फेर में मोबाइल टिकटिंग एप का भी इस्तेमाल नहीं। घंटों पसीना बहाने के बाद टिकट हासिल हो और ट्रेन मिल जाए, इसकी भी गारंटी नहीं। पैसेंजर्स अक्सर ऐसी प्रॉब्लम फेस करते हैं, लेकिन उन्हें सॉल्युशन नहीं मिल पाता। मगर अब ऐसा नहीं होगा। पैसेंजर्स की फैसिलिटी को देखते हुए रेलवे ने तमाम नुस्खे अपनाने शुरू कर दिए हैं। एप के जरिए पैसेंजर्स टिकट बुक हो और लोगों को घंटों लाइन में न लगना पड़े, इसके लिए रेलवे ने क्यूआर कोड सिस्टम इंट्रोड्यूस किया है। इससे पैसेंजर्स का टिकट झटपट बन जाएगा और उन्हें लंबी लाइन में लगकर पसीना नहीं बहाना पड़ेगा। गोरखपुर में भी यह सुविधा जल्द ि1मलने लगेगी।

जंक्शन पर लगेगा क्यूआर कोड

पैसेंजर्स को एप डाउनलोड करने में किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए जंक्शन पर क्यूआर कोड के पोस्टर चिपकाए जाएंगे। पैसेंजर्स इन्हें स्कैन टिकट बुक कर सकेंगे। टिकट स्कैन करने के बाद पैसेंजर्स को स्टेशन प्रिमाइसिस से बाहर जाना होगा, जिससे उनका पेपरलेस टिकट बन सके, लेकिन अगर उन्हें टिकट भी चाहिए, तो टिकट बुक कराने के बाद उन्हें एटीवीएम से इसका प्रिंटआउट भी लेना होगा। क्यूआर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि पैसेंजर्स इन्हें स्कैन कर लो स्पीड में भी टिकट बना सकेंगे।

फरवरी 2018 से ही फैसिलिटी

रेलवे पैसेंजर्स को फरवरी 2018 से ही मोबाइल एप के जरिए जनरल टिकट बुक कराने की फैसिलिटी अवेलबल है। टिकट बुकिंग के बाद उन्हें इसे प्रिंट कराने के लिए या तो काउंटर पर लाइन लगानी पड़ती थी या फिर स्टेशन पर लगी पीओएस मशीन के जरिए उन्हें टिकट प्रिंट करना पड़ता था। 2 अक्टूबर से रेलवे ने इसे अपग्रेड कर पैसेंजर्स के पास पहुंचे एसएमएस को ही प्रूफ मान लिया, जिसके बाद टिकट प्रिंट कराने का झंझट खत्म हो गया। वहीं अब इसमें एक स्टेप और अमेंडमेंट हुआ है, जिससे लोगों को काफी राहत मिलेगी। हालांकि अभी रेलवे ने प्रिंटेड टिकट बुक करने का ऑप्शन भी दिया हुआ है। पैसेंजर्स अपनी सुविधा के मुताबिक फैसिलिटी अवेल कर सकते हैं।

एक स्टेप में ही रजिस्ट्रेशन

टिकट बनाने की प्रॉसेस को भी रेलवे ने काफी आसान कर दिया है। इसके तहत जहां लोग चार स्टेप में फॉर्म भरने के बाद रजिस्टर्ड होते थे, अब एक ही स्टेप में रजिस्ट्रेशन कर दिया जाएगा। इससे पहले पैसेंजर्स को पासवर्ड एसमएएस के जरिए मिलता था, लेकिन नई व्यवस्था के तहत अब लोगों के पास खुद ही पासवर्ड जनरेट करने की फैसिलिटी मिल जाएगी। इतना ही नहीं यूटीएस एप को अब आईसीएमएस से जोड़ दिया गया है, जिससे संबंधित स्टेशन पर आने वाली गाडि़यों की जानकारी भी लोगों को एप के जरिए मिलती रहेगी और लोगों को पूछताछ काउंटर भी पसीना नहीं बहाना पड़ेगा।

ऐसे लें जनरल टिकट -

- प्ले स्टोर से क्रिस की यूटीएस मोबाइल एप डाउनलोड करें या वेबसाइट utsonmobile.indianrail.gov.in पर रजिस्ट्रेशन करें।

- यात्री को यूटीएस ऐप्लीकेशन पर रजिस्टर होने के लिए सिर्फ एक बार साइन-अप करना होगा।

- इस दौरान उन्हें पासवर्ड भी जनरेट करने का मौका मिलेगा।

- एप में लॉगइन करने के बाद पैसेंजर्स को मोबाइल स्क्रीन पर दिए पेपरलेस टिकट का ऑप्शन चुनना होगा।

- स्क्रीन पर टिकट सेव हो जाएगा और आप ट्रेन में इसे दिखाकर सफर कर सकते हैं।

- रेलवे स्टेशन या रेलवे लाइन के 50 मीटर दायरे में आने पर नहीं बुक होगा टिकट

- जीपीएस लोकेशन ऑन करनी होगी जरूरी

अभी पाइलट प्रोजेक्ट के तौर पर नॉर्दन रेलवे में फैसिलिटी शुरू की गई है। अगर यह कामयाब रही, तो गोरखपुर में लोगों को भी इस फैसिलिटी का फायदा मिलने लगेगा।

- पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे