जल्द काम होगा शुरू

जानकारी के मुताबिक अब भारतीय रेलवे अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए काफी तेजी से इस दिशा में काम कर रहा है। जिससे वह यात्री व मालवहन की सभी सुविधाओं को बेहतर करने की कोशिश कर रहा है। इस प्रयास से वह रेलवे कॉसिग पर होने वाली दुघर्टनाओं को भी गंभीरता से लेते हुए इन्हें भी रोकने की कोशिश में हैं। जिससे अब रेलवे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) से लेने जा रहा है। जल्द ही इस दिशा में काम शुरू हो जाएगा। इस संबंध में प्रोजेक्ट में लगे रेल मंत्रालय के सीनियर अधिकारी का कहना है कि अब यहां पर ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और रिमोटिंग सिस्टम से सारा काम किया जाएगा। जिससे पूरी उम्मीद है कि रेलवे इस दिशा में सफल भी होगा।

पर्वतीय इलाकों में भी

इस रिमोटिंग सिस्टम से चौकीदार रहित रेलवे क्रॉसिंग की समस्या का समाधान हो जाएगा। अब रिमोटिंग सिस्टम से ही क्रॉसिंग का संचालन किया जाएगा।इसके अलावा पर्वतीय इलाकों में भी रेलवे की सुविधांए इसरो की मदद से बेहतर हो जाएंगी। आज भी रेल पटरियों को एक सीध में करने संबंधी विशिष्ट जानकारी नहीं है जो कि एक बड़ी समस्या है। ऐसे में इसकी जानकारी अब इसरो रेलवे को उपलब्ध कराएगा। इसके अलावा अब सुरंगों से गुजरते वक्त पटरियों की पहचान संबंधी जानकारी भी इसरो की इस प्रणाली के जरिए रेलवे को आसानी से मिलेगी। जिससे रेलवे आगे के लिए भी इस दिशा में अब और तेजी से अपने काम को बढ़ाएगा।

वाई-फाई सेवा शुरू

गौरतलब है कि यात्री सुविधा को बेहतर करने के लिए ही मुंबई जैसे इलाकों में पेपरलेस टिकट योजना शुरू की गई। उसके बाद वहां की सफलता को देखते हुए इसे विस्तार दिया जा रहा है। इसके अलावा भारतीय रेलटेल निगम देश के सभी ए1 एवं ए श्रेणी के स्टेशनों पर वाई-फाई सेवा शुरू करने की योजना लाने की तैयारी कर रहा है। वहीं रेलवे यात्री भी हाईटेक होते रेलवे को लेकर काफी खुश हैं। उनका भी मानना है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) रेलवे को एक नया रूप में देने में मददगार होगा। इतना ही नहीं रेलवे का पूरा ढांचा ही बदल जाएगा।

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