सिर्फ दवाइयों से होगा अब मरीजों का इलाज

3 से 7 फरवरी तक डोर टू डोर मरीजों को ढूंढने का चलेगा अभियान

15 फरवरी से नई योजना को किया जाएगा लागू

Meerut। टीबी से लड़ रहे मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। टीबी के मरीजों के इलाज में अब इंजेक्शन का यूज नहीं होगा। सिर्फ दवाइयों से मरीजों का इलाज हो सकेगा। शासन से निर्देश मिलने के बाद जिले में इसे लागू करने की योजना तैयार कर ली गई है। विभागाधिकारियों के अनुसार 15 फरवरी से इसकी शुरुआत हो जाएगी।

इंजेक्शन फ्री होगा इलाज

टीबी अधिकारी के मुताबिक भारत सरकार टीबी के मरीजों का इलाज आसान करना चाहती है। इसके तहत ही तमाम रिसर्च के बाद सरकार ने ये कदम उठाया है। इसके तहत अभी तक टीबी के मरीज को हर महीने 25 इंजेक्शन लगते थे। जबकि इलाज में भी 6 से 9 महीने का समय लगता था। जिसे अब पूरी तरह से इंजेक्शन फ्री किया जा रहा है।

सभी मरीजों पर होगा लागू

टीबी के इलाज के लिए प्रयोग होने वाले नए तरीके के लिए शासन की ओर से आगरा में पहले ट्रेनिंग दी जा रही है। विभागाधिकारियों के मुताबिक नया उपचार टीबी के साधारण मरीजों पर ही नहीं बल्कि मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट मरीजों पर भी लागू होगा। नेशनल टेक्निकल एक्सपर्ट ग्रुप की ओर से इंजेक्शन की जगह ओरल ट्रीटमेंट की सिफारिश के बाद इसे लागू किया जा रहा है। नेशनल लेवल पर ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है। जबकि जिला स्तर पर कर्मचारियों को ट्रेनिंग दी जा रही है।

होगी मॉनिटरिंग

टीबी के इलाज की नई टेक्नोलॉजी को जिले में फरवरी से लागू किया जाएगा, जबकि अप्रैल 2020 तक पूरी तरह ओरल पैटर्न पर उपचार होगा। हालांकि, इसे सुचारू रूप से लागू करने के लिये सेंट्रल टीबी डिविजन सभी टीबी यूनिटों की मदद करेगी। निक्षय पोर्टल के लिए जरिए इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी जबकि ऑनलाइन ही सभी दवाइयों की पूर्ति होगी। इसके अलावा वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भी इस पर नजर रखी जाएगी। इससे टीबी रोगियों को काफी लाभ मिलेगा।

3 से 7 तक अभियान

जिले में टीबी के मरीजों को डोर टू डोर ढूंढने के लिए 3 से 7 फरवरी तक अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए ट्रेनिंग प्रक्रिया चालू हो चुकी है। एमओटीसी मेडिकल ट्रीटमेंट ऑफिसर, एसटीएस-सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर, एसटीएलएस-सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर, टीबीएचवी-टीबी हाऊसहोल्डर वॅालियन्टर, अर्बन पीएससी, लैब टेक्नीश्यिान आदि को इसमें शामिल किया गया है। जिले में 2017 से इस अभियान की शुरुआत की गई थी।

टीबी के मरीजों को राहत देने के लिए इंजेक्शन फ्री ट्रीटमेंट की शुरुआत होने जा रही है। शासन स्तर से ट्रेनिंग प्रोवाइड हो रही है। जिले में फरवरी में इसकी शुरुआत की जाएगी।

डॉ। एमएस फौजदार, जिला टीबी अधिकारी, मेरठ