- इसरो का जियो स्पेशल मैप बताएगा जल संग्रहण और तालाब खुदाई का उपयुक्त स्थान

- विकास भवन में इसरो वैज्ञानिकों के साथ हुई जिला प्रशासन अधिकारियों की बैठक

आगरा। जिले का अधिकांश हिस्सा डार्क जोन में है। नदी, नहर, तालाब सूखे पड़े हैं, तो अंडरग्राउंड वाटर लेवल कई क्षेत्रों में 200 फुट से नीचे जा चुका है। बिगड़ती स्थिति पर काबू पाने के लिए बुधवार को विकास भवन में डीएम एनजी रवि कुमार की अध्यक्षता में जल शक्ति अभियान की बैठक हुई। इसमें इसरो की टीम और संबंधित विभाग के अधिकारी शामिल हुए। इसरो टीम ने इसमें कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए, जिसका इस्तेमाल कर स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

मैप की दी जानकारी

जलशक्ति अभियान को मजबूत करने के लिए अब इसरो की टीम के जियो स्पेशियल मैप के जरिए तालाबों की खोदाई की जाएगी। इसरो के वैज्ञानिक डॉ। ए.श्रीनिवासन ने प्रस्तुतिकरण के जरिए इसरो द्वारा तैयार किए गए मैप के हर पहलू की जानकारी दी। मैप के अध्ययन से ये पता लगाया जा सकता है कि किस जगह पर तालाब की खोदाई व जल संग्रहण के अन्य कार्य कराए जाएं। बैठक में डीएम ने कहा कि ब्लॉकों में सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर इसरो की टीम द्वारा उपलब्ध कराए गए जियो स्पेशियल मैन का विस्तृत अध्ययन कर उसी के अनुरूप निर्धारित स्थल पर ही तालाब की खोदाई की जाए। चेकडैम के निर्माण से लेकर पुराने तालाबों की सफाई और तालाब के किनारे पौधारोपण का काम भी 15 सितंबर तक पूरा करना है।

हैंडपंपों के पास आवश्यक हैं सोखपिट

खंड विकास अधिकारियों से कहा कि सभी गांवों में स्थित पुराने तालाब की सफाई, स्कूलों में वाटर हार्वेस्टिंग व हैंडपंप के सोखपिट भी बनाया जाए। जिससे हैण्डपंप का पानी सोखपिट में एकत्र होकर जमीन के अन्दर जा सके।

ये होगा फायदा

जिओ मैप के अध्ययन से यह पता लगाया जा सकता है कि किस जगह पर तालाब की खुदाई व जल संग्रहण की आवश्यकता है। जिससे वर्षा का जल वहां एकत्रित हो सके। इससे अंडरग्राउंड वाटर लेवल बढ़ेगा।

इन अधिकारियों को सौंपी जिम्मेदारी

सीडीओ जे रीभा, परियोजना निदेशक अवधेश कुमार वाजपेयी, जिला विकास अधिकारी देवेन्द्र प्रताप सहित सभी खण्ड विकास अधिकारी।