- कई अधिवक्ताओं ने डाउनलोड किया ई-वॉलेट एप, चेक से भी फीस लेकर किया कैशलेस का श्रीगणेश

KANPUR : काकादेव निवासी आलोक का उनकी पत्नी से फैमिली कोर्ट में मुकदमा चल रहा है। उन्होंने अपने वकील को कई पेशी पर फीस नहीं दी। सैटरडे को जब वकील ने फीस मांगी तो उन्होंने पेटीएम करने का ऑफर दिया तो वकील साहब तुरन्त तैयार हो गए और कहा कि आप पेटीएम के जरिए फीस दे सकते हैं।

यह बानगी स्पष्ट संकेत दे रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कैशलेस इण्डिया के सपने को साकार करने में अब वकील भी जुट गए हैं। पेटीएम का यूज करते हुए पहली बार सैटरडे को काकादेव के रहने वाले आलोक कुमार दीक्षित ने अपने वकील शरद कुमार त्रिपाठी के एकाउन्ट में फीस जमा की। यही नहीं अन्य कई अधिवक्ता भी अब पेटीएम के अलावा अन्य ई-वॉलेट एप डाउनलोड कर रहे हैं।

यह बदलते वक्त की जरूरत

पेटीएम पर पहली फीस पाने वाले अधिवक्ता शरद कुमार त्रिपाठी का कहना है कि अब यह बदलते वक्त की जरूरत बन गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित का कहना है कि अब कैशलेस होना ही पड़ेगा। उन्होंने भी चेक से फीस लेना शुरू कर दिया है। कहते हैं कि आगे जो भी पेटीएम अथवा अन्य कोई ई-वॉलेट एप डाउनलोड कर लेंगे। अब तो इसकी जरूरत पड़ेगी ही।

समय के साथ बदलना पड़ेगा

सैटरडे को ही इसी तरह एक ई-वॉलेट एप डाउनलोड करने के बाद अधिवक्ता अनंत शर्मा ने अपने क्लाइंट से फीस का भुगतान लिया। उनका कहना है कि आगे भी अब कोशिश करेंगे कि कैशलेस सिस्टम से ही फीस लें। बार एसोसिएशन के पूर्व महामंत्री अनूप द्विवेदी ने कहा कि समय के साथ बदलना बहुत अच्छी बात है। अन्य अधिवक्ता भी अब ई-वॉलेट का इस्तेमाल करें, इसके लिए जागरूक करेंगे।