- कैंपस में बवाल करने वाले छात्रनेताओं के खिलाफ एक्शन लेगा लखनऊ यूनिवर्सिटी

- हड़ताल के चलते की थी जबरन कक्षाएं बंद कराने की कोशिश

- कैंपस में अनाधिकृत रूप से लगाए थे पोस्टर

LUCKNOW: हड़ताल के नाम पर लखनऊ यूनिवर्सिटी में क्लासेस में तालाबंदी कराने वाले छात्र बख्शे नहीं जाएंगे। क्लासेस को बंद कराने के लिए शुक्रवार को कई छात्र नेताओं की एलयू के अधिकारियों के साथ विवाद भी हुआ था। ऐसे छात्रों की पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ एक्शन लिए जाने के निर्देश भी प्रॉक्टर ने अपने कर्मचारियों को दिए हैं।

पुलिसकर्मियों से भी उलझे

बता दें कि बीते शुक्रवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी में समाजवादी छात्रसभा, आईसा और एसएफआई छात्र संगठन से जुड़े छात्रनेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया था। साथ ही इन संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर परिसर में जबरन कक्षाओं को बंद कराने के लिए कैंपस में हंगामा काटा था। जबकि छात्र नेताओं की मांगों को लेकर एक दिन पहले ही वीसी ने सुलझाने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद आंदोलित छात्रों ने न केवल जबरन कक्षाएं बंद कराने को लेकर शिक्षकों और सामान्य छात्रों से झड़प की, बल्कि पुलिस के जवानों से भी भिड़ गए।

दस छात्रों को लिया था हिरासत में

इस दौरान दस छात्रों को पुलिस ने हिरासत में लिया था, लेकिन देर शाम इन छात्रों को छोड़ दिया गया। शनिवार को लविवि की प्रॉक्टर प्रो। निशी पांडेय ने बताया कि परिसर के अंदर हड़ताल के नाम पर छात्र नेताओं की इस हरकत को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। परिसर में अराजकता फैलाकर भय का माहौल बनाने वाले छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सभी छात्रों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा जाएगा।

पोस्टर के हर नाम पर पांच हजार जुर्माना

हड़ताल करने वाले छात्रनेताओं ने पूरे परिसर में अपनी मांगों को लेकर कैंपस के अंदर पोस्टर चिपकाए थे। हर विभाग की कक्षाओं सहित पूरे परिसर में अभी भी यह पोस्टर लगे हैं। इन पोस्टर में शामिल हर छात्रनेता से एलयू प्रशासन पांच हजार रुपए अर्थदंड के रूप में वसूलेगा। बता दें कि कैंपस में किसी भी तरह का पोस्टर और बैनर लगाना मना है। इसके बावजूद छात्रनेताओं सहित कई पार्टियों व प्रचार से संबंधित पोस्टर कैंपस के बाहर से लेकर अंदर तक लगातार चिपकाए जाते हैं।