आई फॉलोअप

-2010 में पकड़ाए थे बादशाह गिरोह के तीन क्रिमिनल्स

-नगड़ी के आतंक अर्जुन ठाकुर की हत्या करने वाले गिरोह की छानबीन में जुटी पुलिस

- पुलिस को शक, उसी के बनाए एसोसिएट ने की है अर्जुन की हत्या

- लेवी वसूलने के बाद रख लेता था राशि

RANCHI: नगड़ी, नामकुम, बेड़ो, कर्रा के आतंक अर्जुन ठाकुर को ठिकाने लगानेवाला बादशाह गिरोह नया नहीं है। बल्कि ख्0क्0 में जब रांची के एसएसपी प्रवीण सिंह थे। उस समय भी बादशाह गिरोह के तीन बदमाश तीन पिस्टल व गोलियों के साथ गिरफ्तार हुए थे। इनमें राजेश उपाध्याय, रोहित यादव व विमल साहू शामिल थे। उस वक्त भी बादशाह गिरोह झारखंड, बिहार व ओडि़शा में आतंक का पर्याय बना हुआ था। गौरतलब हो कि बुधवार को अर्जुन ठाकुर की बॉडी मिला था, जहां एक पर्चा भी मिला था। इसमें बादशाह गिरोह ने अर्जुन ठाकुर की हत्या की जिम्मेवारी ली थी।

राधे महली है सरगना

इस बादशाह गिरोह का सरगना बागी राधे महली है। उसने बिहार व झारखंड के बागियों को मिलाकर झारखंड बादशाह गिरोह बनाया है। इस गिरोह में क्9 सदस्य हैं। इस गिरोह का आतंक राउरकेला में ज्यादा है। झारखंड के सिमडेगा, गुमला व रांची में भी गिरोह की मौजूदगी है। पुलिस के अनुसार, इस गिरोह का प्रमुख काम बैंक में डाका डालना, अपहरण और रंगदारी वसूलना है। राउरकेला में इस गिरोह ने बैंक डकैती की कई वारदातों को अंजाम दिया है। सरगना राधे महली के जेल जाने के बाद अनिल सिंह ने गिरोह की कमान संभाल रखी है।

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खुद गिरोह तो नहीं बनाया था

यह बादशाह गिरोह कौन है। इस मामले की छानबीन रांची पुलिस कर रही है। आधिकारिक सूत्रों का यह भी कहना है कि अर्जुन ठाकुर पीएलएफआई से जुड़ गया था। उसके लिए इलाके से लेवी वसूलता था। उसने लेवी तो वसूली, लेकिन पीएलएफआई को कुछ नहीं दिया था। वहीं, पुलिस को यह भी आशंका है कि अर्जुन ठाकुर ने अपने ही गिरोह का नाम बादशाह गिरोह रख लिया था और पैसे नहीं मिलने पर उसी के गिरोह ने उसे टपका डाला। गौरतलब हो कि अर्जुन ठाकुर के विरुद्ध नगड़ी में पांच समेत बेड़ो, नामकुम, कर्रा आदि कई थानों में दस से अधिक केस लूट, हत्या व रंगदारी के दर्ज हैं। उसकी मौत के बाद नगड़ी समेत कई जगहों के लोगों ने राहत की सांस ली है।