-जलकल के 58 नलकूप ऑटोमेटिक

-121 पंपों से गोरखपुराइट्स की बुझती है प्यास

- एजेंसी के पास है मशीनों की मेंटिनेंस की जिम्मेदारी

GORAKHPUR: जलकल विभाग ने सिटी में वाटर वेस्ट पर ब्रेक लगा दिया है। जलकल के अफसरों के मुताबिक हर रोज करीब 10 एमएलडी यानी एक करोड़ लीटर वाटर वेस्ट होता था। जिसपर अब अंकुश लगेगा। अमृत योजना के तहत सिटी के तकरीबन 58 नलकूप ऑटोमेटिक कर दिए गए हैं। जिसकी मेंटिनेंस की जिम्मेदारी आटोमेशन करने वाली कंपनी को दी गई है। सिटी में कुल 121 पंपों से गोरखपुराइट्स को पानी की सप्लाई पहुंचाई जाती है। जलकल के महाप्रबंधक एसपी श्रीवास्तव ने बताया कि करीब एक करोड़ लीटर पानी प्रतिदिन बर्बाद हो जाता था। इससे अब राहत मिलेगी।

ऐसे काम करता है ऑटोमेशन सिस्टम

वाटर पंप ऑटोमेशन सिस्टम में पंप स्वत: ऑन-ऑफ होता है। टैंक में पानी का स्तर कम होने पर सेंसर से जुड़ा सिस्टम पंप को ऑन कर देता है। जबकि, टैंक भर जाने पर ऑफ हो जाता है। इससे पानी की बर्बादी नहीं होती है।

यहां लगे ऑटोमेशन सिस्टम

महानगर के कौशलपुरम, लालडिग्गी, गिरधरगंज, तुलसी पार्क, मोहद्दीपुर झारखंडी थ्री, टू, राप्तीनगर फेज वन, बशारतपुर, मोहद्दीपुर, जेल रोड, गीतावाटिका, शाहपुर, भोलाजीपुरम, राप्तीनगर पावर हाउस, शास्त्री नगर, सुभाष नगर, विकास नगर, शक्तिनगर, शास्त्रीपुरम, सूर्य विहार, चकसा हुसैन, शास्त्रीपुरम जी पार्क, भरपुरवा, आजाद नगर, जीडी प्राइमरी स्कूल, मिर्जापुर, जाफरा बाजार आदि मोहल्ले हैं।

86 मिनी ट्यूबवेल सिस्टम से जोड़ने की तैयारी

जलकल के महाप्रबंधक एसपी श्रीवास्तव के मुताबिक सिटी में 86 मिनी ट्यूबवेल है, जो पब्लिक द्वारा चलाई जाती है। इसलिए अब यहां भी आटोमेशन पैनल लगाए जाएंगे।

शहर में नलकूप की संख्या- 121

ऑटोमेशन सिस्टम से जुड़े पंप--58

मैनुअल चलाए जा रहे पंप - 53

अमृत योजना के तहत ऑटोमेशन सिस्टम लगाया गया है। जिसका संचालन आरके इंजीनियर्स, लखनऊ कर रहा है। इसे जल्द ही नगर निगम को हैंडओवर कर दिया जाएगा। फिलहाल सिस्टम चालू हो चुका है। इससे पानी की बर्बादी पर अंकुश लगा है।

एसपी श्रीवास्तव, महाप्रबंधक जलकल