रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया
प्रवासी भारतीयों को ई-वोटिंग के जरिए मतदान का अधिकार उपलब्ध कराने का निर्वाचन आयोग का सुझाव पास हो गया है. कल केंद्र सरकार ने निर्वाचन आयोग के इस सुझाव को सुप्रीम कोर्ट में पेश किया है. सरकार ने कोर्ट को बताया कि उसने प्रवासी भारतीयों को ई-वोटिंग का अधिकार देने के लिए चुनाव आयोग की रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया गया है. जिसके बाद से कानूनों में बदलाव के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. इस संबंध में मुख्य न्यायाधीश एच एल दतू की पीठ ने इस कथन का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को निर्देश दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इन सुझावों पर न्यायालय को अमल के बारे में आगे की प्रक्रिया से अवगत कराए.

प्रवासी भारतीयों के लिए खुशखबरी
सु्प्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह भी कहा कि मतदान के अधिकार से संबंधित सभी जनहित याचिकाओं को आठ सप्ताह के लिए स्थगित किया जा रहा है. ऐसे में इस मामले में यथाशीघ्र आवश्यक कदम उठाए जाए. इसके साथ ही इस संबंध में शीघ्र ही कानून में संशोधन किया जाना जरूरी है. जिससे कि प्रवासी भारतीयों के लिए यह एक खुशखबरी है. अब वे भी अपने देश में मतदान का प्रयोग कर अपने पंसदीदा उम्मीदवार को चुन सकेंगे. प्रवासी भारतीय ई-वोटिंग में वोटर को मेल के जरिए खाली पोस्टल बैलेट पेपर भेजे जाते हैं, जिसे मतदाता को भरकर अपने निर्वाचन क्षेत्र में भेजना होगा. चुनाव आयोग ने इस बात का वादा भरोसा किया है कि इस पूरी प्रक्रिया में कोई लापरवाही नहीं होगी.

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