नहीं बिकेंगे कागज वाले स्टांप, शासन के निर्देशों पर जिला प्रशासन ने शुरू की तैयारी

मेरठ में अधिकृत स्टांप वेंडर्स को ई-स्टांप के लिए अवेयर कर रहा विभाग

Meerut। कागज वाले स्टांप अब गुजरे जमाने की बात हो जाएगी। यूपी सरकार जल्द ही प्रदेश में ई-स्टांप को पूरी तरह से लागू करने जा रही है। स्टांप की कालाबाजारी रोकने, कागज और स्याही के बचत और लोगों को झंझट से मुक्ति दिलाने के लिए पूरे प्रदेश में ई-स्टांपिंग व्यवस्था जल्द प्रभावी हो जाएगी। इसको लेकर तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। हालांकि ई-स्टांप को लेकर सर्वाधिक विरोध मेरठ में है, जिसको देखते हुए गत दिनों एडीएम फाइनेंस सुभाष चंद्र प्रजापति ने अधिकृत स्टांप वेंडर्स के लिए एक कार्यशाला का भी आयोजन किया था।

जरा समझ लें

प्रदेश में अब कागज वाले स्टांप पर पूरी तरह से रोक लगने जा रही है। प्रदेश सरकार ने इस संबंध में तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। एक चयन प्रक्रिया के तहत स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन इंडिया लिमिटेड को ई-स्टांप बेंचने का राइट दिया गया है। गौरतलब है कि प्रदेश के 8 जनपदों में सर्वप्रथम 2013 में ई-स्टांपिंग व्यवस्था लागू की गई थी। मेरठ समेत गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, आगरा, कानपुर, लखनऊ, इलाहाबाद और वाराणसी जनपद इसमें शामिल थे। इसके बाद 2014 में 10 अन्य जनपदों में यह व्यवस्था लागू की गई, जिसमें बुलंदशहर, जौनपुर, हापुड़, हरदोई, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, सीतापुर, उन्नाव, बाराबंकी और मथुरा शामिल थे। विभिन्न चरणों में स्टांप वेंडर्स के भारी विरोध के बीच प्रदेश के सभी जनपदों में ई-स्टांपिंग प्रक्रिया को लागू किया गया था। ंिकतु अब ई-स्टांपिंग व्यवस्था को पूरी तरह से लागू करने की योजना प्रदेश सरकार ने बनाई है।

स्टांप वेंडर बेंच सकेंगे ई-स्टांप

गौरतलब है कि स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया अब तक बैंकों को ई-स्टांप की बिक्री के लिए अधिकृत कर रही थी। मेरठ में पंजाब नेशनल बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया दो बैंकों को ई-स्टांप की बिक्री के लिए अधिकृत किया गया है। किंतु अब नए प्रावधान के तहत अब अधिकृत स्टांप वेंडर भी ई-स्टांप की बिक्री कर सकेंगे। एक सामान्य ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पूरा कर वेंडर लॉगिन आईडी और पासवर्ड हासिल कर लेगा, जिसके बाद वो आसानी से ई-स्टांप की बिक्री कर सकेगा। जानकारी के मुताबिक ई-स्टांप के लिए वेंडर को एक वॉलेट बनाना होगा, जिससे वो ई-स्टांप की बिक्री कर सकेगा। वॉलेट को स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया वेंडर की रिक्वेस्ट पर रीचार्ज करेगा। इसके लिए कॉरपोरेशन के खाते में वेंडर को अग्रिम धनराशि जमा करानी होगी।

वेंडर के लिए खुशखबरी

एडीएम फाइनेंस ने बताया कि ई-स्टांप व्यवस्था लागू होने के बाद वेंडर्स के लिए लिमिट को हटा दिया जाएगा। बता दें कि अब तक एक वेंडर एक बैनामे पर अधिकतम 15 हजार रुपए के स्टांप भी बेंच सकता है। ई-स्टांप की बिक्री में ऐसा नहीं है। अब एक वेंडर अपने लाइसेंस पर एक ही बैनामे में कितनी की रकम के ई-स्टांप दे सकता है। इससे वेंडर की फाइनेंसियल लिमिटेशन ब्रेक होंगी। एडीएम ने बताया कि ई-स्टांप व्यवस्था कालाबाजारी और नकली स्टांप पर अंकुश लगाने के लिए लागू किया गया है। इससे रजिस्ट्री प्रक्रिया आसान और सुगम होगी, तो वहीं विभागों से फाइलों और कागजों का दबाव भी कम होगा। उन्होंने बताया कि ई-स्टांपिंग राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं में शामिल है। सरकार का मानना है कि इस व्यवस्था के लागू होने के बाद जमीन व मकान खरीदने वालों को जहां काफी आराम हो जाएगा, वहीं स्टांप की कालाबाजारी की शिकायतें भी समाप्त हो जाएंगी।

स्टांप वेंडर्स का विरोध जारी

ई-स्टांपिंग के विरोध में मेरठ में स्टांप वेंडर्स का विरोध जारी है। स्टांप वेंडर्स का कहना है कि ई-स्टांप को बेंचने के लिए उन्हें कम्प्यूटर और ऑपरेटर रखना होगा। वहीं अब सरकार ने ई-स्टांप पर कमीशन भी कम कर दिया है। अब तक वेंडर को स्टांप की धनराशि पर 1 प्रतिशत कमीशन मिल रहा था, जबकि ई-स्टांप की बिक्री पर .23 प्रतिशत कमीशन मिलेगा। जिसको लेकर वेंडर्स का विरोध जारी है। गत दिनों विकास भवन सभागार में अधिकृत स्टांप वेंडर्स को ई-स्टांप के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया दिया गया। एआईजी स्टांप विजय कुमार तिवारी ने बताया कि वैध स्टांप विक्रेताओं को ई-स्टांपिंग प्रणाली के संबंध में समुचित जानकारी और प्रशिक्षण इस वर्कशॉप में दिया गया। मेरठ में करीब 100 अधिकृत स्टांप वेंडर हैं।

सरकार जल्द ही प्रदेशभर में ई-स्टांप प्रणाली को लागू करने जा रही है। कागज के स्टांप पूरी तरह से बंद हो जाएंगे। नए प्रावधान के तहत अब बैंकों के साथ-साथ अधिकृत स्टांप वेंडर भी ई-स्टांप की बिक्री कर सकेंगे। इसको लेकर शासन के निर्देश पर अधिकृत स्टांप वेंडर्स को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

सुभाष चंद्र प्रजापति, एडीएम फाइनेंस, मेरठ