- फोटो प्रिंटेड आंसर शीट शुरू करेगा शिक्षा विभाग

- एग्जाम में मिलेंगी स्टूडेंट्स की फोटो लगी आंसर शीट्स

- 2018 बोर्ड परीक्षाओं में फोटो प्रिंटेड शीट्स पर होगा एग्जाम

- बेहतर मूल्यांकन और सुरक्षा की दृष्टि से लिया निर्णय

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DEHRADUN: उत्तराखंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन (यूबीएसई) निरंतर व्यवस्थाओं को हाईटेक करने में जुटा है। जहां साल ख्0क्8 बोर्ड परीक्षाओं में बोर्ड डिजिटल इवैल्युएशन की तैयारी कर चुका है, वहीं अब परीक्षाओं में आंसर शीट को भी सुरक्षा के लिहाज से बेहतर बनाने जा रहा है। बोर्ड अगली बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों को फोटो प्रिंटेड आंसर शीट प्रदान करेगा।

कई आयामों पर कर रहा काम

उत्तराखंड बोर्ड प्रदेश के स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था और एग्जाम पैटर्न को बेहतर करने और ट्रांसपेरेंसी लाने के लिए कई आयामों पर काम कर रहा है। यही कारण है कि बोर्ड पहले ही स्कूलों में सीबीएसई पैटर्न को फॉलो कर रहा है। फैसले के पीछे स्टूडेंट्स को कॉम्पिटीटिव एग्जाम्स के लिए बेहतर बनाना मकसद है। अब इसी क्रम में बोर्ड ने एग्जाम में पारदर्शिता लाने के लिए एक नई पहल करने का फैसला किया है। स्टेट बोर्ड द्वारा एग्जाम देने वाले स्टूडेंट्स को उनकी फोटो प्रिंट हुई आंसर शीट्स प्रदान करने का निर्णय लिया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस दिशा में प्रयास शुरू हो चुके हैं, साल ख्0क्8 परीक्षाओं में छात्र-छात्राओं को उनकी फोटो प्रिंट हुई कॉपी प्रदान की जाएगी।

वर्जन---

हमारा मकसद है कि बोर्ड परीक्षाओं को बाकी बोर्ड की तुलना में और बेहतर किया जाए। बोर्ड की ओर से प्रयास है कि फोटो प्रिंटेड कॉपीज क्0वीं और क्ख्वीं दोनों के एग्जाम में मुहैया कराई जाए। हालांकि इस पर अभी विचार मंथन करने के बाद फैसला लिया जाएगा। लेकिन, फोटो प्रिंटेड कॉपी होने से एक ओर जहां सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी, वहीं दूसरी ओर एग्जाम के दौरान कॉपी फिलिंग में फोटो के साथ बाकी डिटेल्स के लिए अलग से पेज होने से गलतियों की संभावनाएं भी कम होंगी।

--- आर के कुंवर, डायरेक्टर, सेकेंडरी एजुकेशन उत्तराखंड

उत्तराखंड बोर्ड से हर साल करीब पौने दो लाख स्टूडेंट्स क्0वीं और करीब डेढ़ लाख स्टूडेंट्स क्ख्वीं एग्जाम में शामिल होते हैं। एग्जाम में ट्रांसपेरेंसी को ओर बेहतर किया जाएगा तो रिजल्ट भी बेहतर प्राप्त होंगे। यह एक अच्छी पहल है। स्टूडेंट्स को फोटो लगी कॉपीज उपलब्ध होंगी तो कॉपी में दी जाने वाली जानकारियों में भी गलती की गुंजाइश कम होगी।

----- पवन कुमार शर्मा, शिक्षक, जीआईसी सेलाकुई