-नरेंद्र गे्रवाल, संतोष कुमार और वाई सनाथोई जैसे स्टार प्लेयर्स उतरेंगे रिंग में
PATNA: नरेंद्र गे्रवाल, संतोष कुमार और वाई सनाथोई। ये ऐसे नाम हैं, जिन्होंने इंडिया का नाम वुशू गेम में इंटरनेशनल लेवल पर गौरवान्वित किया है। ख्फ्वीं नेशनल सीनियर वुशू चैम्पियनशिप के दौरान पटना प्रवास के दौरान आई नेक्स्ट ने इन प्लेयर्स से खास बात की। वुशू में इंडिया ने ख्00म् से अब तक सबसे अधिक मेडल बटोरकर इंटरनेशनल लेवल पर अपनी दमदार पहचान बनायी है।
चाइनीज मार्शल आर्ट व इंडिया की जीत
सफलता एक दिन में नहीं मिलती है, इसमें सालों लगता है। वुशू एक चाइनीज मार्शल आर्ट है, जिसे एक प्रायोरिटी खेल के रूप में इंडियन गवर्नमेंट ने ख्00म् से मान्यता दी है। इंडिया में खेल को तीन कैटेगरी में बांटा गया है। एक अदर, जेनरल और प्रायोरिटी गेम। प्रॉयोरिटी में वैसे खेल शामिल किया जाता है जिसे बढ़ावा देने के लिए गवर्नमेंट विशेष राशि देती है। इंडियन वुशू एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष सुहेल अहमद ने बताया कि यह भले ही चाइनीज मार्शल आर्ट है, लेकिन मेडल में इंडिया ने दूसरे देशों के कई स्ट्रांग प्लेयर्स को कड़ी टक्कर दी है। ख्00म् से अब तक कई मेडल जीत चुके हैं।
सबसे अधिक इंजरी वाला गेम
वुशू एक ऐसा मार्शल आर्ट है, जिसमें फाइट के कई तरीके हैं और इसमें बेहद फ्लैक्सिबिलीटी के कारण चोट लगने की संभावना अधिक होती है। एक सर्वे के मुताबिक यह दूसरा सबसे अधिक इंज्यूरी वाला खेल है। पहले यह नार्थ ईस्ट स्टेट्स में और अब यह पूरे इंडिया में खेला जाता है।
वाई कर रहीं नेशनल गेम पर फोकस
वुशू में इंडिया की वीमेंस टीम की नंबर वन प्लेयर वाई सनाथोई का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। मूल रूप से मणिपुर की रहने वाली वाई भ्ख् किलोग्राम वर्ग में वर्ल्ड चैम्यिनशिप, एशियन गेम और नेशनल चैम्पियन हैं। वाई सनाथोई ने बताया कि फिलहाल फ्क् जनवरी, ख्0क्भ् से केरल में शुरू होने वाले नेशनल गेम पर फोकस कर रही है। और अपने स्टेट की ओर से खेलेंगी। ख्0क्ब् के साउथ कोरिया के इचियांग एशियन गेम में ब्रांज मेडल विनर, ख्007 से लगातार नेशनल चैम्पियन रही हैं। इसके अलावा वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भी मेडल विनर रही हैं। वर्तमान में मणिपुर पुलिस में कार्यरत हैं।
पहली बार वुशू वर्ल्ड कप पर कब्जा
इंडियन टीम में भ्म् किलोग्राम कैटेगरी में संतोष कुमार सबसे बड़ा नाम है। उन्होंने बताया कि वे नेशनल गेम में मेडल जीतने के हौसले के साथ मैदान में उतरेंगे। उन्होंने ख्009 में आयोजित वुशू वर्ल्ड कप में गोल्ड पर कब्जा जमाया था। इंडोनेशिया में जूनियर वर्ल्ड कप में सिलवर मेडल पर कब्जा किया। वर्तमान में वे एयर फोर्स की टीम में खेल रहें हैं। वे एक रोचक बात बताते हैं कि मेरे पिता आज भी पूछते हैं कि तुम क्या खेलते हो। वे नहीं जानते।
इंजरी से हौसला कमजोर नहीं
इचियांग, साउथ कोरिया के एशियन गेम ख्0क्ब् में इंडिया की ओर से म्0 किलोग्राम के मेडल विनर के हौसले भी बुलंद हैं। चैम्यिनशिप में पैर की हड्डी में क्रैक आ गया था, लेकिन वे अपनी फिटनेस पर ध्यान दे रहे हैं और केरल में आयोजित होने वाले नेशनल गेम में खेलेंगे। नरेंद्र के पिता सतवीर सिंह ग्रेवाल एक सामान्य किसान है, लेकिन खेल का जुनून ऐसा कि चोट ने हौसला कमजोर नहीं किया है। उपलब्धियों में इन्होंने ख्0क्ख् में चीन के मकाउ शहर में आयोजित जूनियर वर्ल्ड कप चैम्पियनशिप में सिलवर मेडल और चार साल तक लगातार नेशनल चैम्पियन बने रहे हैं। इनके आइडियल अर्जुन अवार्ड विनर विमुलजीत सिंह हैं।