100 किमी पर बनने हैं ट्रामा सेंटर

57 ट्रामा सेंटर बन रहे हैं देशभर में

25 ट्रामा सेंटर फंक्शनल हो पाए हैं

6 सबसे ज्यादा ट्रामा यूपी में बनें हैं

- केंद्र ने मांगा ट्रॉमा सेंटर्स में मैन पावर और एक्विपमेंट का ब्यौरा

LUCKNOW: केंद्र की प्रत्येक 100 किमी। पर ट्रॉमा सर्विसेज बनाने की स्कीम के तहत यूपी में ट्रॉमा सर्विसेज की स्थिति सुधरेगी। केंद्र सभी मेडिकल कॉलेजों व कुछ जिला अस्पतालों की इमरजेंसी को ट्रॉमा सेंटर बनाने व मौजूदा ट्रॉमा सेंटर्स को अपग्रेड करने में वित्तीय सहयोग करेगा। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी मेडिकल कॉलेजों व डीजी हेल्थ से ट्रॉमा सर्विसेज, मैनपावर और वर्तमान में स्थिति की डिटेल मांगी हैं।

बनाई जाएगी आगे की कार्ययोजना

सभी नेशनल हाइवे के किनारे प्रत्येक 100 किमी। पर ट्रॉमा सेंटर बनाने हैं। इस स्कीम के तहत कई जिलों व कई मेडिकल कॉलेजों में ट्रॉमा सेंटर बन भी चुके हैं। पिछले माह में केंद्र की ओर से सभी राज्यों से ट्रॉमा सेंटर्स का ब्यौरा तलब किया गया है। ताकि आगे कार्ययोजना बनाई जा सके। केंद्र ने सभी क्रियाशील और निर्माणाधीन या बन कर तैयारी सभी ट्रॉमा सेंटर्स का ब्यौरा मैनपावर, एक्विपमेंट्स सहित तलब किया है। इसको लेकर जुलाई के अंत में एक बैठक भी हो चुकी है, जिसमें डीजी हेल्थ और मेडिकल कॉलेजों के अधिकारियों ने इसमें भाग लिया।

25 ट्रामा फंक्शन हो पाए

केंद्र की सभी हाइवे पर ट्रॉमा सर्विस देने की स्कीम के तहत देश भर में 57 ट्रॉमा सेंटर बन रहे हैं। जिनमें से अब तक 25 ट्रॉमा सेंटर ही फंक्शनल हो पाए हैं। यह सभी लेवल 2 के ट्रॉमा सेंटर हैं। इन 25 में से सबसे ज्यादा 6 ट्रॉमा सेंटर यूपी में ही हैं। जो गोरखपुर मेडिकल कॉलेज, केजीएमयू लखनऊ, कानपुर मेडिकल कॉलेज, झांसी, आगरा, इलाहाबाद के मेडिकल कॉलेजों में हैं। ये सभी बनकर कंपलीट हैं और सुविधाएं भी शुरू की जा चुकी हैं। मेरठ और ललितपुर में भी बिल्डिंग बनकर तैयार है। इसके अलावा गुजरात में 5 और आंध्र प्रदेश में 5 ट्रॉमा सेंटर भी शुरू हो चुके हैं। प्रदेश सरकार की ओर से भी 36 ट्रॉमा सेंटर्स का निर्माण किया जा चुका है। ये सभी जिला अस्पतालों में हैं, जिनमें से लगभग 25 चलने की स्थिति में हैं। शेष अन्य अभी निर्माणाधीन स्थिति में है।

कहां से आएगा मैनपावर

सबसे बड़ी बात प्रदेश में ट्रॉमा सेंटर तो बनते जा रहे हैं, लेकिन उनके लिए मैनपावर कहां से आएगी। अभी जो भी ट्रॉमा सेंटर बन चुके हैं, उनमें से ज्यादातर में डॉक्टर्स नहीं मिल रहे हैं। जहां पर डॉक्टर मिल गए हैं, वे सभी दूसरे चिकित्सालयों से लाए गए हैं और उनकी जगह पोस्ट खाली पड़ी हैं। ऐसे में इन ट्रॉमा सेंटर्स को चला पाना बड़ी चुनौती होगी।

कोट--

हाल ही में हुई मीटिंग में केंद्र ने ट्रॉमा से संबंधित जानकारी मांगी थी। जिसकी जानकारी केंद्र को भेज दी गई है।

डॉ। विजय कुमार, एमएस केजीएमयू