- छोटे विवादों के निस्तारण के लिए ओडीआर का इंतजाम

- कचहरी के झाम से मिलेगा छुटकारा, 30 दिन में समाधान

GORAKHPUR: अदालती मामलों के तेजी से बढ़ने के बीच पब्लिक के लिए एक बेहतर ऑनलाइन विवाद समाधान मददगार हो सकता है। ओडीआर (ऑनलाइन डिस्प्यूट रेसोल्युशन) की मदद लेकर पब्लिक तमाम छोटे-मोटे केसेज का निपटारा करा सकती है। एडवोकेट्स का कहना है कि इससे लोगों को कोर्ट-कचहरी के झंझट से छुटकारा तो मिलेगा लेकिन इसके फैसले के पालन को लेकर भी संशय बना रहेगा।

कम खर्च में पा सकेंगे फैसला

दीवानी कचहरी से जुड़े लोगों ने बताया कि स्टार्टअप नेस्टवे ने आपसी विवादों के ऑनलाइन समाधान का प्लेटफॉर्म अवेलबल कराया है। छोटे विवादों को कोर्ट के बाहर निपटाने के लिए ऑनलाइन सुविधाओं का उपयोग होगा। सेंटर फॉर अल्टरनेट डिस्प्यूट रेसोल्युशन एक्सीलेंस के जरिए विवादों का हल करने का फायदा पीडि़त को मिलेगा। जानकारों का कहना है कि इससे कानूनी मदद में आने वाली लागत कम हो गई है। छह माह या उससे अधिक समय तक चलने वाले मामलों का निपटारा महज 30 दिन में हो जाएगा।

ऐसे काम करता है ओडीआर

ऑनलाइन डिस्प्यूट रेसोल्युशन से मदद के लिए एक पक्ष इस फोरम पर पहुंचता है। फिर वह दूसरे पक्ष से संपर्क करता है। दोनों पक्ष मीडिएशन नियमों से सहमत होते हैं तो एक मीडिएटर भी नियुक्त किया जाता है। दोनों पक्ष अपनी बात कहने के लिए इलेक्ट्रॉनिक संवाद करते हैं। इसमें वीडियो कॉल के जरिए दोनों पक्षों की बातचीत कराई जाती है। एडवोकेट्स का कहना है कि ऑनलाइन विवादों का निपटारा कराने के लिए कई प्लेटफॉर्म बने हैं। ऑनलाइन डिस्प्यूट रेसोल्युशन के अलावा सामा स्टार्टअप सहित कई एजेंसियां काम कर रही हैं। एसएएमए स्टार्टअप के जरिए प्राइवेट बैंकों और ग्राहकों के बीच तमाम मामले निपट रहे हैं हालांकि इसके बदले में बैंक कमीशन देते हैं।

इसलिए पड़ रही जरूरत

छोटे विवादों के निस्तारण के लिए ऑनलाइन विवाद समाधान का सिस्टम डेवलप किया जा रहा है।

कोर्ट, गवर्नमेंट, कंपनी, इंटरनेशनल ऑर्गनाइजेशन सहित कई तरह के विवाद सामने आते हैं।

इसकी आवश्यकता वहां पर हैं जहां पर किसी कानून को लेकर विवाद होता रहता है।

छोटे मामलों के निस्तारण के लिए लोग अदालतों के चक्कर लगाते हैं। उनका समय बर्बाद होता है।

क्या होगा फायदा

किराएदारी, बिजली का बिल, टेलीफोन बिल, आपसी लेनदेन सहित अन्य छोटे मामले निपटेंगे।

इस तरह की व्यवस्था से लोगों को बेवजह कोर्ट-कचहरी का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लेनदेन सहित अन्य प्रकरणों को निपटाने के लिए दोनों पक्ष साथ होंगे।

ऑनलाइन मामलों के निपटारे से पब्लिक का कोर्ट में होने वाला खर्च भी बच जाएगा।

समस्याओं के समाधान में ये आएगी प्रॉब्लम

इंटरनेट कनेक्टिविटी की प्रॉब्लम बनी रहती है।

आपराधिक मामलों, विवाह के विवादों के लिए माध्यम उचित नहीं है।

विवादों के निस्तारण के लिए दोनों पक्षों का आमने-सामने होना भी कठिन होगा।

ऑनलाइन फोरम की मान्यता को लेकर भी विवाद खड़ा हो रहा है।

कोट्स

यह फोरम लोगों के लिए सुविधाजनक है लेकिन इसकी मान्यता और विश्वसनीयता को लेकर संकट बना रहेगा। छोटे मामलों का निस्तारण होने से लोगों को कचहरी की बेवजह भागदौड़ नहीं करनी पड़ेगी।

शक्ति प्रकाश श्रीवास्तव, एडवोकेट, दीवानी कचहरी

जिस तरह से ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराने की व्यवस्था की गई है। उसी तरह से इस तरह के फोरम की आवश्यकता थी। अब हर कोई मोबाइल का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में यह लाभकारी हो सकता है। लेकिन तमाम लोग अभी इसका इस्तेमाल कर पाने में सक्षम नहीं हो सकेंगे।

दीनदयाल, एडवोकेट दीवानी कचहरी