पहली बार 10 ये 16 साल की उम्र तक लगेगा नि:शुल्क टीका

टीकाकरण में हुआ शामिल टिटनेस की जगह लगेगा टिटनेस एंड एडल्ट डिप्थीरिया टीका

Meerut. डिप्थीरिया जैसी जानलेवा बीमारी किशोरों को भी अपनी चपेट में ले रही है. जिसके मद्देनजर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने इसकी रोकथाम के लिए टिटनेस एंड एडल्ट डिप्थीरिया टीके को नियमित टीकाकरण में शामिल कर लिया है. अब टिटनेस की जगह टीडी टीकाकरण किया जाएगा. इस टीकाकरण में बच्चों, किशोरों और गर्भवती महिलाओं को शामिल किया जाएगा.

पहली बार होगा शामिल

एसीएमओ डॉ. विश्वास चौधरी ने बताया कि डिप्थीरिया अभी तक 5 साल के बच्चों में पाया जाता था लेकिन हाल ही में टीकाकरण सर्विलांस के आंकड़ों के अनुसार अब 18 साल तक की उम्र के किशोरों में भी इस रोग की पुष्टि होने लगी है. जिसके बाद ही टीडी को नियमित टीकाकरण में शामिल करने का फैसला लिया गया है. नियमित टीकाकरण के तहत मेरठ में 10 से 16 साल तक के लाखों किशोरों को इसमें शामिल किया जाएगा.

नहीं लगवाते बूस्टर टीका

बूस्टर टीका न लगवाने की वजह से किशोरों में भी डिप्थीरिया रोग बढ़ रहा है. डेढ़, ढाई और साढे़ तीन साल की उम्र में डीपीटी टीका लगाया जाता है. इस टीकाकरण के 18 से 24 महीने बाद रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और डिप्थीरिया टॉक्साइड टीकों की बूस्टर डोज जरूरी हो जाती है. मगर 70 प्रतिशत लोग बूस्टर डोज नहीं लेते हैं, जिसकी वजह से रोग पनपने लगता है.

यह है डिप्थीरिया

कॉरीनेबैक्टीरियम डिप्थीरी नामक बैक्टरिया की वजह से डिप्थीरिया होता है. इसे सामान्य भाषा में गलघोंटू भी कहते हैं. यह रोग सर्दी, खांसी, बुखार से शुरु होता है और सही इलाज न मिलने पर हृदय, किडनी, लीवर आदि पर अपना प्रभाव डाल देता है. कई बार इस बीमारी में मौत भी हो जाती है. टीकाकरण ही इसका बचाव है.

टीडी टीके को अब रेग्यूलर टीकाकरण में शमिल किया जा रहा है. इससे पहले स्टॉफ को ट्रेनिंग दी जाएगी. जल्द ही इसका अभियान जिले में शुरू होगा.

डॉ. राजकुमार, सीएमओ, मेरठ