उपराज्यपाल लगातार कोशिश करते रहें
सुनवाई शुरू होते ही चीफ जस्टिस दत्तू ने कहा कि सरकार गठन को लेकर जिस तरह की मीडिया में खबरें आ रही हैं, उससे लगता है कि उप-राज्यपाल एक सकारात्मक कोशिश कर रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि एलजी को सरकार के गठन की संभावनाओं की तलाश कर सकते हैं या फिर संभावनाओं के बारे में अपनी राय रख सकते हैं. इस बीच दिल्ली विस को भंग करके नये सिरे से चुनाव करवाने की मांग कर रही आम आदमी पार्टी ने भी सरकार बनाये जाने की संभावना तलाशे जाने के एलजी के फैसले का कोर्ट में विरोध नहीं किया.

आप करानी चाहती है दोबारा चुनाव
गौरतलब है कि आप लगातार दिल्ली में चुनाव करवाने की मांग करती रही है. पार्टी दलील देती रही है कि दिल्ली विस में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत हासिल नहीं है. इसलिये जब भी सरकार बनेगी, विधायकों का खरीद-फरोख्त होगा जो लोकतंत्र के लिये घातक है. आपको बताते चलें इससे पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने लंबे समय से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू होने पर चिंता प्रकट करते हुये कहा था कि लोकतंत्र में जनता को उसकी चुनी हुई सरकार का हक है.

फैसले लेने का मिला वक्त
सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि ऐसे में लंबे समय से ना तो सरकार बनाया जाना और न ही नये सिरे से विस का चुनाव करवाने की दिशा में पहल किया जाना लोकतांत्रिक भावना के अनुरुप नहीं है. हालांकि उच्चतम न्यायालय ने इस मामले में एलजी को जल्द से जल्द फैसला लेकर कोर्ट को सूचित किये जाने को कहा था. अब जब एलजी की ओर से सरकार बनाये जाने की संभावना तलाशे जाने की जानकारी से कोर्ट संतुष्ट हो गया तो वहीं बीजेपी को भी 11 नवंबर तक कोई ठोस फैसला लेने का वक्त मिल गया है.  

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