RANCHI: राजधानी में जाम की स्थिति से निपटने और ट्रैफिक स्मूद रहे। इसके लिए रांची पुलिस एक एप लाने की योजना बना रही है। इसके तहत जल्द ही वेबसाइट बनाने वाले एक्सपर्ट कंपनी से बात होगी। इसके बाद इस एप्प को गूगल से कनेक्ट किया जाएगा, ताकि इसके जरिए किस चौक पर कितने लोग हैं, इसकी जानकारी ली जा सके। भीड़-भाड़ वाले इलाके की जानकारी लेकर लोगों के मोबाइल में शेयर की जाएगी। एसएसपी अनीश गुप्ता ने यह योजना तैयार की है, ताकि लोगों को जाम से मुक्ति मिले। इस एप को लोगों के एंड्रॉयड मोबाइल में भी स्टोर कराया जाएगा।

जरूरतमंद को मिलेगी हेल्प

इसी तर्ज पर अगर कहीं आग लगने की वारदात होती है और कोई भी इस बारे में फोन करेगा तो वह सूचना उसी वक्त पुलिस कंट्रोल रूम तक भी पहुंचेगी। वर्तमान में आग लगने पर कई बार लोग पुलिस हेल्पलाइन पर सूचना देते हैं फिर पुलिस अग्निशमन विभाग को सूचना देती है। ऐसे में कई बार दस्ते को घटनास्थल तक पहुंचने में वक्त लग जाता है। इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम लागू होने के बाद समय पर जरूरतमंदों तक सहायता पहुंच पाएगी।

दुरुस्त होगा इमरजेंसी रिस्पासं सपोर्ट सिस्टम

केंद्रीय गृह सचिव राजीव गौबा ने इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम को लेकर झारखंड के मुख्य सचिव, डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बात की थी। इसके बाद अब 11 जुलाई को इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम को दुरुस्त करने को लेकर अहम बैठक होगी। इसमें तकनीकी अधिकारियों के साथ-साथ राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी सिस्टम के क्रियान्वन को लेकर अहम फैसला लेंगे। इस योजना पर झारखंड में 9 करोड़ सात लाख रुपए खर्च होंगे।

मर्ज होगा डायल 100 व 112

झारखंड में आपातस्थिति में काम आने वाले हेल्पलाइन नंबर एक होंगे। वर्तमान में पुलिस हेल्पलाइन के लिए डायल 100 व महिला प्रताड़ना या हिंसा की सूचना देने के लिए 112 इमरजेंसी नंबर का इस्तेमाल होता है। सरकार ने अब इन सभी नंबरों को एक कर इमरजेंसी रिस्पांस सपोर्ट सिस्टम दुरुस्त करने का फैसला लिया है।

कैसे काम करेगा सिस्टम

महिला हेल्पलाइन अग्निशमन और डायल 100 को मर्ज किया जाएगा। मुसीबत में जब कोई महिला 112 डायल करेगी तो यह जानकारी उसी वक्त पुलिस कंट्रोल रूम तक भी पहुंच जाएगी। ऐसे में कंट्रोल रूम सीधे नजदीकी थाने को सूचना देगा, जिसके बाद टीम मौके पर पहुंचेगी।