जरूरत पूरी

- 12 नये वॉर्मर लगाए गए

- 06 फोटो थैरेपी मशीनें भी की गईं इंस्टॉल

- 05 महीने बाद मिलीं नई मशीनें

- 12 पुरानी मशीनों को किया जाएगा वापस

- अभी तक था बच्चा वार्ड का बुरा हाल, एक पर तीन तक लिटाए जाते थे

- एसएनसीयू में फिलहाल डॉक्टर्स की है कमी, जल्द यह भी की जाएगी पूरी

बरेली : डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल से एक गुड न्यूज है। अब रेडिएंट वॉर्मर की जरूरतमंद बच्चों के इलाज में किसी तरह की कमी नहीं होगी। दरअसल, एसएनसीयू की सभी पुरानी मशीनों को हटाकर अब नई मशीनों को लगा दिया गया है। इसमें रेडिएंट वॉर्मर और फोटो थेरेपी मशीनें शामिल हैं। डिस्ट्रिक्ट फीमेल हॉस्पिटल में एसएनसीयू यूनिट में नये रेडिएंट वॉर्मर और फोटो थैरेपी मशीनें इंस्टाल कर दी गई हैं। अब एसएनसीयू यूनिट पूरी तरह से रेडी है।

कई बार सीएमएस ने भेजे लेटर

फीमेल हॉस्पिटल में एक साल पहले ही एसएनसीयू यूनिट बनकर तैयार हो गई थी लेकिन मेल हॉस्पिटल के एनआईसीयू के पुराने उपकरणों से काम चलाया जा रहा था। शासन को कई बार सीएमएस ने नई मशीनें उपलब्ध कराने के लिए लेटर भेजा था। छह महीने पहले नई मशीनें आईं लेकिन मशीनों की जांच कराने पर कई खामियां पाई गई थीं, जिसके बाद इन्हें वापस भेज दिया गया था, पिछले महीने नई मशीनें आईं लेकिन अभी तक इंस्टाल नहीं किया जा सका था।

पहले यह थी स्थिति

अभी तक एसएनसीयू में 6 फोटो थैरेपी और 6 रेडिएंट वार्मर थे। शासन की ओर से जारी गाइड लाइन के अनुसार, सीएचसी-पीएचसी से रेफर होकर आने वाले मासूमों की हालत गंभीर होते देख मजबूरन एसएनसीयू में एक मशीन पर दो-दो बच्चों को भर्ती किया जा रहा था। ऐसे में बच्चों में इंफेक्शन फैलने का खतरा ज्यादा रहता है लेकिन बच्चों की हालत गंभीर देखते हुए मजबूरी में बच्चों को भर्ती करना पड़ता था। अब मशीनें बढ़ने से स्थिति में काफी हद तक सुधार हो सकेगा।

क्या होता है रेडिएंट वॉर्मर

रेडिएंट वॉर्मर में प्री मेच्योर और कम वजन वाले नवजात को रखा जाता है। ही बच्चा जब एनीमिक होता है फिर भी इसी में रखते हैं। वही फोटो थेरेपी मशीन में उन नवजात को रखा जाता है जिनको ज्वाइंडिस हो जाता है। इस मशीन में अल्ट्रावाइब्रेंट किरणें निकलती हैं जो ज्वाइंडिस ठीक करने में मदद करती है।

डॉक्टरों की कमी

हाल ही में बच्ची को रेफर करने के खेल में फीमेल हॉस्पिटल में तैनात पीडियाट्रिशियन डॉ। सौरभ अंजान की सेवाएं शासन ने समाप्त कर दी हैं। फीमेल हॉस्पिटल में पहले से ही डॉक्टरों की कमी है। एसएनसीयू में डॉक्टर की तैनाती करने के लिए सीएमएस ने सैटरडे को बैठक कर निर्णय लेने को कहा है।

12 रेडिएंट वार्मर और 6 फोटो थेरेपी मशीनें एसएनसीयू में इंस्टाल कर दी गई हैं। यहां परमानेंट डॉक्टर की तैनाती के लिए विचार किया जा रहा है। अब काफी हद तक मासूमों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।

डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस