पीयूसी सेंटर संचालकों शुरु की बेमियादी हड़ताल

अपनी मांगों के लिए कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन

Meerut। ड्राइविंग लाइसेंस के बाद अब वाहन चालकों को पीयूसी यानि पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है और यह भी संभव है कि दोगुने दामों पर अब पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनवाना पडे़। क्योंकि सोमवार से पीयूसी सेंटर संचालकों ने अनिश्चितकालीन हडताल शुरु कर दी है। पीयूसी जारी करने की फीस को बढ़ाने की मांग के लिए शुरु हुई इस हड़ताल के पहले दिन जनपद के सैकड़ों संचालकों ने प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा।

पीयूसी सेंटर पर लटके रहे ताले

पूर्व घोषित हड़ताल के चलते सोमवार को दिनभर जनपद के 68 के करीब पॉल्यूशन जांच सेंटर बंद रहे। सेंटर बंद रहने से वाहन चालकों को पीयूसी के लिए भटकना पड़ा, लेकिन शहर कहीं भी सेंटर खुला न मिलने से आवेदक परेशान रहे। वहीं सुबह सवेरे से ही मेरठ पीयूसी ऑपरेटर्स यूनियन के कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट पर एकत्र होना शुरु कर दिया। इसके बाद सभी सेंटर संचालक अपनी मांगों से संबंधित नारे लगाते हुए डीएम कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया। हालांकि इस दौरान डीएम से मुलाकात नही हो सकी।

मुख्यालय से होगा विचार

इसके बाद सेंटर संचालक गढ़ रोड स्थित उप परिवहन आयुक्त कार्यालय पहुंचे और अपने मांगों के संबंधित में ज्ञापन दिया। उप परिवहन आयुक्त ने मांगों को मुख्यालय स्तर तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। हालांकि इस दौरान उप परिवहन आयुक्त ने सेंटर खोलने को कहा लेकिन यूनियन ने मांगे पूरी न होने तक सेंटर बंद रखने की घोषणा कर दी।

अन्य प्रदेशों के बराबर हो फीस

यूनियन के अध्यक्ष मनोज पांडे ने बताया कि पीयूसी की सबसे कम फीस उप्र में है। जबकि पडोसी राज्य दिल्ली में 60, हरियाणा में 50, मध्यप्रदेश में 100 रुपए तक दुपहिया वाहन की फीस है। वहीं चार पहिया पेट्रोल की फीस अन्य प्रदेशों में 80 से 250 और डीजल वाहनों के पॉल्यूशन की फीस 100 से 500 रुपए तक है जबकि यूपी में मात्र 40 और 50 रुपए जांच की फीस ली जा रही है। ऐसे में प्रदेश के पीयूसी सेंटर संचालक अपने सेंटर का खर्चा भी नही निकाल पा रहे हैं।