गुवाहाटी (आईएएनएस)। बहुचर्चित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) की फाइनल लिस्ट शनिवार सुबह जारी हो गई है।  19 लाख से अधिक लोगों को असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की अंतिम सूची से बाहर कर दिया गया है। करीब 19,06,677 लोगों को एनआरसी की इस अंतिम सूची में जगह नहीं मिली हैं। भारतीय नागरिकों के रूप में 3,11,21,004 लोग इस सूची में शामिल हो पाए हैं।

नाम शामिल करने के लिए नए सिरे से आवेदन किया था

बीते साल प्रकाशित हुए एनआरसी मसौदे में दस्तावेजों में कुछ विसंगतियों के कारण करीब 40,07,707 लोगों के नाम इसमें शामिल नहीं थे। इनमें से 36 लाख से अधिक लोगों ने अंतिम एनआरसी में अपना नाम शामिल करने के लिए नए सिरे से आवेदन किया था। सरकार ने आश्वासन दिया था कि अंतिम एनआरसी से छूटे हुए लोगों को हिरासत में नहीं लिया जाएगा।

असम में 40 लाख लोगों को मिलेगा मौका, सुप्रीम कोर्ट ने दी बड़ी राहत

अवैध बांग्लादेशियों का पता लगाने और निर्वासन की मांग

एनआरसी का असम के लोगों के लिए अत्यधिक महत्व है क्योंकि राज्य ने 1979 से 1985 के बीच छह साल के लंबे आंदोलन को देखा है। इसके साथ ही अवैध बांग्लादेशियों का पता लगाने और निर्वासन की मांग की है। एनआरसी को भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा चलाया जा रहा है। खास बात तो यह है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसकी निगरानी की जा रही है।

नाम शामिल करने के लिए नए सिरे से आवेदन किया था

बीते साल प्रकाशित हुए एनआरसी मसौदे में दस्तावेजों में कुछ विसंगतियों के कारण करीब 40,07,707 लोगों के नाम इसमें शामिल नहीं थे। इनमें से 36 लाख से अधिक लोगों ने अंतिम एनआरसी में अपना नाम शामिल करने के लिए नए सिरे से आवेदन किया था। सरकार ने आश्वासन दिया था कि अंतिम एनआरसी से छूटे हुए लोगों को हिरासत में नहीं लिया जाएगा।

अवैध बांग्लादेशियों का पता लगाने और निर्वासन की मांग

एनआरसी का असम के लोगों के लिए अत्यधिक महत्व है क्योंकि राज्य ने 1979 से 1985 के बीच छह साल के लंबे आंदोलन को देखा है। इसके साथ ही अवैध बांग्लादेशियों का पता लगाने और निर्वासन की मांग की है। एनआरसी को भारत के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा चलाया जा रहा है। खास बात तो यह है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसकी निगरानी की जा रही है।

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