RANCHI : झारखंड गवर्नमेंट 28 जुलाई से 8 अगस्त तक डायरिया सप्ताह चला रही है। इसके तहत झारखंड में पांच साल की उम्र तक के करीब 40 लाख बच्चों को ओआरएस और जिंक देना है। गवर्नमेंट सभी लोगों तक डायरिया का किट देने के लिए सहिया के भरोसे है। लेकिन, गवर्नमेंट जिन सहिया के भरोसे सभी बच्चों तक पहुंचना चाह रही है, वो सभी सहिया सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाली हैं। नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) में कॉन्ट्रैक्ट पर काम करनेवाले झारखंड के सभी कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं।

आज से हॉस्पिटल नहीं जाएंगे कर्मचारी

झारखंड में एनआरएचएम के करीब 62 हजार कर्मचारी सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। इतने सारे कर्मचारियों के एक साथ हड़ताल पर जाने से झारखंड में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा सकती है। इससे रांची के सदर अस्पताल से लेकर प्राइमरी हेल्थ सेंटर और सभी आरसीएच कैंपस में कोई काम नहीं हो पाएगा। रांची, हजारीबाग, रामगढ़, चाईबासा, जमशेदपुर, लोहरदगा समेत झारखंड के सभी रूरल एरियाज में चिकित्सा व्यवस्था कॉन्ट्रैक्ट पर काम करनेवाले कर्मियों के ही भरोसे है। ऐसे में इनके कामकाज ठप कर देने से मुश्किल खड़ी हो सकती है।

आज से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल करेंगे 24 प्रतिनिधि

झारखंड नेशनल रूरल हेल्थ मिशन के कर्मचारी संघ के लोग सोमवार को सुबह दस बजे से रांची के बिरसा चौक पर अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठेंगे। कर्मचारी संघ के प्रेसिडेंट राहुल प्रताप सिंह ने बताया- झारखंड के हर डिस्ट्रिक्ट से हमारा एक-एक प्रतिनिधि भूख हड़ताल पर बैठेगा। यह भूख हड़ताल तब तक जारी रहेगी, जब तक हमारी मांगें नहीं मानी जातीं। भूख हड़ताल पर राहुल प्रताप सिंह, श्रीकांत श्रीवास्तव, सुप्रिया सिंह, नीरज शाहदेव समेत टोटल 24 लोग बैठेंगे।

सदर अस्पताल से लौटना होगा पेशेंट्स को

रांची के सदर अस्पताल में सोमवार से अगर कोई भी पेशेंट इलाज कराने के लिए आएगा, तो उसे बिना इलाज के ही लौटना होगा। क्योंकि, सदर अस्पताल में जितने भी कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं, वो यहां मौजूद नहीं रहेंगे। कर्मचारी संघ का कहना है कि जब तक गवर्नमेंट उनकी मांगें नहीं मानती है, तब तक कर्मचारी अस्पताल नहीं जाएंगे। कॉन्ट्रैक्ट पर काम करनेवाले सभी कर्मचारी सोमवार से धरना में शामिल होंगे।

2005 व 2008 में हुई थी नियुक्ति

पूरे स्टेट में नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) के करीब 62 हजार कर्मचारी हैं। इनकी नियुक्ति 2005 और 2008 में झारखंड गवर्नमेंट ने कॉन्ट्रैक्ट पर की थी। इनमें एएनएम, मल्टी परपस स्टाफ, ब्लॉक अकाउंट ऑफिसर, सहिया, टेक्निशियन, फार्मासिस्ट शामिल हैं। एक अनुमान के अनुसार एक पीएचसी पर कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्त किए गए कर्मचारियों की संख्या करीब 42 है। वहीं, एक ब्लॉक में 300 से 350 सहिया कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रही हैं।

परमानेंट करने और वेतन देने की कर रहे मांग

झारखंड में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे एनआरएचएम के सभी कर्मियों को करीब आठ महीने से वेतन नहीं मिला है। इसे लेकर भी इन कर्मियों में रोष है। इनकी मांग है कि इनकी नियुक्ति को परमानेंट किया जाए और इन्हें इनके रुके हुए वेतन का भुगतान जल्द से जल्द किया जाए। जब तक इनकी ये मांगें पूरी नहीं की जाएंगी, तब तक ये हड़ताल पर ही रहेंगे।