सुभाषनगर में पैतृक संपत्ति का टैक्स चुकाने बरेली आए एनआरआई बुजुर्ग

नगर निगम से बकाया टैक्स का मांगा ब्यौरा, गैर जिम्मेदारों के लिए बने नजीर

BAREILLY:

नगर निगम की सुविधाओं का उपभोग करने के बावजूद टैक्स न जमा करने वाले बरेलियंस को एक एनआरआई बुजुर्ग ने आईना दिखाया है। सात समंदर पर रह रहे बुजुर्ग कृष्ण कुमार उपाध्याय सुभाषनगर स्थित पैतृक संपत्ति का टैक्स जमा करने फ्राइडे को नगर निगम पहुंचे। अपनी जिम्मेदारी निभाने में न तो 76 वर्ष की उम्र रोड़ा बनी और न ही हजारों मील की दूरी। एनआरआई बुजुर्ग टैक्स अदा करने को ई बैंकिंग का भी सहारा ले सकते थे। लेकिन रिवाइज्ड टैक्स दरों के बाद संपत्ति पर नए टैक्स का हिसाब कर इसी फाइनेंशियल ईयर में बकाया टैक्स चुकाने को उन्होंने तवज्जो दी।

टैक्स से ज्यादा किया खर्च

बुजुर्ग की पैतृक संपत्ति सुभाषनगर में तपेश्वर मंदिर से कुछ कदम पहले ही है। बुजुर्ग के तीन भाई स्कॉटलैंड के एडिनबरा में ही बस गए है। जबकि वह खुद परिवार संग लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट के नजदीक सेंट्रल लंदन में रहते हैं। सुभाषनगर स्थित प्रॉपर्टी पर रिवाइज्ड टैक्स मालूम करने को वह फ्राइडे को मेयर डॉ। आईएस तोमर से मिले। नए रेट्स पर उनकी प्रॉपर्टी पर कुल 35 हजार का बकाया टैक्स कैलकुलेट हुआ। जिसे बुजुर्ग ने अदा कर दिया। जबकि इस टैक्स को जमा करने के लिए ही बुजुर्ग ने करीब सवा लाख रुपए लंदन से बरेली आने तक ख्ार्च किए।

पासपोर्ट में हैं इंडियन

पेशे से इंजीनियर रहे कृष्ण कुमार उपाध्याय 18 साल की उम्र में ही पढ़ाई के लिए लंदन गए और वहीं बस गए। पिता गोविंद कृष्णदेव उपाध्याय सन 1931 में लंदन पढ़ाई के लिए गए थे। वापस बरेली आकर बस गए। शुरुआती पढ़ाई के लिए बुजुर्ग ने भी पिता की तरह लंदन का रुख किया था। लेकिन करीब 60 साल बीतने के बावजूद उनके पासपोर्ट में इंडियन नेशनेलिटी ही है। ऐसे में जबकि शहर के 1.42 लाख करदाताओं में से महज 21 हजार ने ही अपना टैक्स चुकाने की जिम्मेदारी समझी। बुजुर्ग एनआरआई ने लंदन से आकर टैक्स जमा कर स्मार्ट सिटी बन रहे बरेली के गैर जिम्मेदार करदाताओं के सामने एक नजीर पेश की है।

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