पेरिस (एएनआई)। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्राें की डिप्लोमैटिक अडवाइजर इमैनुएल बोनी के साथ डोवाल ने रणनीतिक बातचीत को लेकर एक बैठक की सह अध्यक्षता की। फ्रेंच डेलीगेशन में उनके राष्ट्रपति के चीफ मिलिट्री अडवाइजर एडमिरल जीन फिलिप रोलैंड भी शामिल थे। डोवाल ने विदेश मंत्री जीन यवेस ले ड्रियान तथा सैन्य बलों के मंत्री फ्लोरेंस पारली से भी मुलाकात की।


इंडो-पैसिफिक में भारत-फ्रांस बड़े साझीदार
डोवाल तथा इमैनुएल ग्लोबल तथा अपने क्षेत्र से संबंधित तमाम मुद्दों पर चर्चा की। भारत-प्रशांत क्षेत्र में दोनों देशों के महत्व को भी रेखांकित किया गया। पेरिस में भारतीय दूतावास द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक, फ्रांस ने भारत-प्रशांत क्षेत्र को लेकर भारत के साथ सहयोग की अपनी प्रतिबद्धता जताई है। वह मानता है कि भारत-प्रशांत रणनीति में भारत एक बड़ा साझीदार है।


इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बहाली में साझदारी अहम
एनएसए डोवाल ने दोहराया कि फ्रांस भारत का ग्लोबल तथा इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण साझीदार है। रोम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की रोम में आयोजित हाल की जी-20 बैठक में उनकी रणनीतिक साझीदारी को लेकर दृष्टिकोण को यहां अमलीजामा पहनाया गया है। दोनों देशों के नेता चाहते हैं कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में शांति बहाली तथा स्थिरता में उनकी रणनीतिक साझीदारी अहम भूमिका निभाएगी। दोनों देश मिलकर इलाके में कानून के राज को कायम करेंगे।


भारत के साथ रक्षा विकास में फ्रांस देगा सहयोग
विज्ञप्ति में कहा गया है कि फ्रांस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्म निर्भर भारत के विजन तथा रक्षा औद्योगिकरण को लेकर भारत के साथ संयुक्त रिसर्च तथा तकनीक विकास की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। दोनों देश लंबे सहयोग तथा आपसी विश्वास के लिए अपनी क्षमताओं का उपयोग करेंगे। साथ ही वे अंतरराष्ट्रीय सोलर अलायंस के लिए भारत-फ्रांस मिलकर सफलतापूर्वक अगुआई करेंगे। दोनों देश स्वच्छ ऊर्जा को लेकर चिंतित हैं तथा इसके विकास में सहयोग करेंगे, जिसमें नागरिक न्यूक्लीयर ऊर्जा तथा ग्रीन हाइड्रोजन शामिल है।

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