अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए
पश्िचम बंगाल में नन से सामूहिक दुष्कर्म के बाद राज्य में वृद्धा के साथ हुयी ऐसी घटना से लोगों में काफी आक्रोश है. जिससे यह मामला लोकसभा में उठाया गया. भाजपा के एसएस अहलुवालिया ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में बालात्कार के मामले थम नहीं रहे हैं. अभी  नन (71) के साथ बलात्कार की घटना का शोर ठंडा भी नहीं पड़ा था कि बर्दवान के कटवा में एक 75 वृद्धा के साथ बलात्कार और हत्या की वारदात हुई है. इस दौरान उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को देखते हुए राज्य की महिला मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. ऐसे में यह बात तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों को चुभ गयी. फिर क्या भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों में काफी हद तक तकरार बढ़ने लगी.

घटनाओं को रोकने का प्रयास
जिस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन दोनों को शांत कराने का प्रयास कर रही थीं लेकिन कोई पक्ष चुप नहीं हो रहा था. उन्होंने यह भी कहा कि कि महिला के साथ र्दुव्यवहार के मामलों में किसी भी ओर से राजनीति नहीं होनी चाहिए. इस पर एक-दूसरे पर आरोप लगाना ठीक नहीं है, बल्िक ऐसी घटनाओं को रोकने का प्रयास करना चाहिये. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि यह अच्छा नहीं है, दोनों ही पक्ष सदन का समय बरबाद कर रहे हैं. यह सदन लड़ने के लिये नहीं बना है. इसके बाद भी दोनों से शांत रहने का स्पीकर बार-बार आग्रह करती रहीं, लेकिन मामला शांत नहीं होने पर वह काफी गस्से में आ गयी. इसके बाद स्पीकर ने दोनों को कड़ी फटका लगायी. उन्होंने कहा, ‘मैं दोनों के हाथ में लठ लाकर दे दूं क्या? यह क्या हो रहा है? लड़ना है, तो बाहर जाकर लड़ो. 


 

अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए
पश्िचम बंगाल में नन से सामूहिक दुष्कर्म के बाद राज्य में वृद्धा के साथ हुयी ऐसी घटना से लोगों में काफी आक्रोश है. जिससे यह मामला लोकसभा में उठाया गया. भाजपा के एसएस अहलुवालिया ने यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में बालात्कार के मामले थम नहीं रहे हैं. अभी  नन (71) के साथ बलात्कार की घटना का शोर ठंडा भी नहीं पड़ा था कि बर्दवान के कटवा में एक 75 वृद्धा के साथ बलात्कार और हत्या की वारदात हुई है. इस दौरान उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को देखते हुए राज्य की महिला मुख्यमंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए. ऐसे में यह बात तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों को चुभ गयी. फिर क्या भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों में काफी हद तक तकरार बढ़ने लगी.

 

स्पीकर बार-बार आग्रह करती रहीं
जिस पर अध्यक्ष सुमित्रा महाजन दोनों को शांत कराने का प्रयास कर रही थीं लेकिन कोई पक्ष चुप नहीं हो रहा था. उन्होंने यह भी कहा कि कि महिला के साथ र्दुव्यवहार के मामलों में किसी भी ओर से राजनीति नहीं होनी चाहिए. इस पर एक-दूसरे पर आरोप लगाना ठीक नहीं है, बल्िक ऐसी घटनाओं को रोकने का प्रयास करना चाहिये. इतना ही नहीं उन्होंने कहा कि यह अच्छा नहीं है, दोनों ही पक्ष सदन का समय बरबाद कर रहे हैं. यह सदन लड़ने के लिये नहीं बना है. इसके बाद भी दोनों से शांत रहने का स्पीकर बार-बार आग्रह करती रहीं, लेकिन मामला शांत नहीं होने पर वह काफी गस्से में आ गयी. इसके बाद स्पीकर ने दोनों को कड़ी फटका लगायी. उन्होंने कहा, ‘मैं दोनों के हाथ में लठ लाकर दे दूं क्या? यह क्या हो रहा है? लड़ना है, तो बाहर जाकर लड़ो. 

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