नई दिल्ली (एएनआई)। दिल्ली पुलिस का यह बयान सुप्रीम कोर्ट द्वारा नुपुर शर्मा की आलोचना करने और देश भर में हो रही सांप्रदायिक घटनाओं के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराए जाने के कुछ घंटों बाद आया है। पुलिस ने कहा कि नूपुर शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद, दिल्ली पुलिस ने नूपुर शर्मा को सीआरपीसी की धारा 41 ए के तहत जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेजा था। नुपुर पहले ही जांच में शामिल हो गई थी और दिल्ली पुलिस ने 18 जून, 2022 को नूपुर शर्मा का बयान दर्ज किया था।

विवादित टिप्पणी देने के तहत मामला हुआ दर्ज

दिल्ली पुलिस ने 8 जून को नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल सहित कई लोगों के खिलाफ हेट स्पीच देने, समूहों को उकसाने और सार्वजनिक शांति भंग करने के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को यह कहते हुए फटकार लगाई कि उनका गुस्सा उदयपुर में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार है, जहां एक दर्जी की हत्या कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने आगे निलंबित भाजपा नेता को दोषी ठहराया और कहा कि उन्होंने और उनके बयान ने पूरे देश में आग लगा दी है और देश में जो हो रहा है उसके लिए वह अकेले जिम्मेदार हैं। उन्हें पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की

न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला के पैनल ने एक टीवी समाचार चैनल की डिबेट के दौरान दिए गए नुपुर शर्मा के विवादित बयान को लेकर फटकार लगाई और कहा कि उनका विवादित बयान एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार है। सुप्रीम कोर्ट ने नुपुर शर्मा के खिलाफ दर्ज सभी एफआईआरों को दिल्ली स्थानांतरित करने के शर्मा के अनुरोध को भी अस्वीकार कर दिया है। जांच के लिए सभी एफआईआर को दिल्ली स्थानांतरित करने के शर्मा के अनुरोध को खारिज करते हुए पैनल ने उनके वकील मनिंदर सिंह से कहा कि नहीं, श्री सिंह। अदालत की अंतरात्मा संतुष्ट नहीं है। हम उसके अनुसार कानून नहीं बना सकते हैं।

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