- स्टाफ नर्स को 'रिस्पेक्टफुल मैटरनल केयर' (आरसीपी) समेत सुरक्षित प्रसव का गुर सिखाएंगी मेंटर

- जिला महिला अस्पताल में चार अलग-अलग बैच में दी जाएगी ट्रेनिंग

- सीएमओ ने फ‌र्स्ट बैच की ट्रेनिंग का किया शुभारंभ

GORAKHPUR: गोरखपुर मंडल के सभी चार जिलों की 48 नर्स मेंटर को सुरक्षित व सम्मानजनक प्रसव के लिए दक्ष बनाया जा रहा है। पहले यह खुद ट्रेन होंगी उसके बाद अपने जिले की स्टाफ नर्स को ट्रेनिंग देंगी। जिला महिला अस्पताल के मिनी स्किल लैब में दक्षता प्रशिक्षण के पहले बैच का शुभारंभ सीएमओ डॉ। श्रीकांत तिवारी ने किया। प्रशिक्षण के पहले दिन नर्स मेंटर को सुरक्षित प्रसव के साथ-साथ 'रिस्पेक्टफुल मैटरनल केयर' के बारे में खासतौर से जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि प्रसव के समय कक्ष में महिला की कोई एक नजदीकी रिश्तेदार या परिजन रह सकती है। इस दौरान महिला की निजता का ध्यान रखते हुए दोनों के साथ अच्छा बर्ताव किया जाएगा। साथ ही यह साफ है कि इस दौरान आशा कार्यकर्ता को लेबर रूम में रहने की इजाजत नहीं होगी।

दी गई अहम जानकारी

प्रोग्राम के पहले दिन सीएमओ डॉ। एसके तिवारी, जिला महिला अस्पताल के एसआईसी डॉ। आनंद प्रकाश श्रीवास्तव और एसीएमओ व नोडल आरसीएच डॉ। नंद कुमार ने भी लोगों को संबोधित किया। ट्रेनिंग में हिस्सा लेनी आई खोराबार की स्टाफ नर्स पूजा दूबे ने बताया कि उन्हें सुरक्षित प्रसव से संबंधित एक-एक बिंदु की जानकारी दी गई। मंडल की सभी नर्स मेंटर्स को यूनीसेफ के डॉ। दिलीप गोविंद राव, यूपीटीएसयू के डॉ। सुनील गुप्ता, जिला महिला अस्पताल की डॉ। पूनम मिश्रा और जिला क्वालिटी कंसल्टेंट डॉ। मुस्तफा ट्रेनिंग देंगे। पहले दिन यूनीसेफ के डॉ। मनोज, प्रोग्राम मैनेजर पंकज आनंद, मातृत्व स्वास्थ्य कंसल्टेंट सूर्य प्रकाश, सहायक क्वालिटी कंसल्टेंट विजय, महिला अस्पताल के हेल्प डेस्क मैनेजर अमरनाथ जायसवाल और डॉ। कमलेश प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

गोरखपुर में हैं 12 नर्स मेंटर

एसीएमओ व नोडल आरसीएच डॉ। नंद कुमार ने बताया कि गोरखपुर में 12 नर्स मेंटर का सेलेक्शन किया गया है। इन्हें एक्स्ट्रा मानदेय भी मिलेगा। ये मेंटर ट्रेनिंग के बाद अपने स्वास्थ्य केंद्रों के प्रसव कक्ष में सहयोगी स्टाफ नर्स का मार्गदर्शन करेंगी और सुरक्षित प्रसव के प्रति समर्पित रहेंगी।