- सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों का विरोध

- जिले की सभी स्थायी नर्सो ने की सामूहिक हड़ताल

GORAKHPUR: अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को जिले की सभी स्थायी नर्सेज सामूहिक अवकाश पर चली गईं। नर्सो ने जिला अस्पताल परिसर में एक दिवसीय धरना दिया। हड़ताल के कारण जिला अस्पताल में मरीजों के इलाज की कमान संविदा नर्सेज ने संभाली, लेकिन अस्पताल का पूरा ऑपरेशन और प्रसव कार्य ठप रहा। वहीं रेलवे अस्पताल में ड्रिप भी टेक्नीशियन के भरोसे ही लगाए गए। इस मौके पर राजकीय नर्सेज संघ की जिलाध्यक्ष कलावती ने बताया कि सातवें वेतन आयोग में नर्स संवर्ग की उपेक्षा की गई है। इसी बात को लेकर नर्सेज देश व्यापी हड़ताल पर हैं।

पूरे जिले की नर्सेज हुईं शामिल

संघ जिलाध्यक्ष कलावती ने केंद्रीय नेतृत्व के कहने पर ये एक दिवसीय सामूहिक अवकाश लेकर धरना करने का आदेश दिया था। जिसके तहत जिला अस्पताल की 46 व महिला अस्पताल की 34 नर्सेज समेत जिले की लगभग डेढ़ सौ से अधिक नर्सो ने शुक्रवार को कार्य नहीं किया। वहीं इस मामले पर जिला अस्पताल प्रशासन का कहना है कि स्टाफ नर्सेज के हड़ताल पर चले जाने के कारण संविदा नर्सेज से मरीजों का इलाज कराया गया। इससे अस्पताल में इलाज कार्य कहीं भी प्रभावित नहीं हुआ। जिला अस्पताल में 70 संविदा नर्सेज के भरोसे मरीजों का इलाज हुआ। लेकिन स्टॉफ नर्सेज के न होने से ऑपरेशन और प्रसव कार्य ठप रहे। जिस कारण ऑपरेशन वाले मरीजों और प्रसव पीडि़त महिलाओं को काफी परेशानी हुई।

लेबर रूम संभालने से किया मना

जिला महिला अस्पताल की स्टॉफ नर्सेज के सामूहिक अवकाश के बाद 13 संविदा नर्सेज की ड्यूटी लगाई गई थी। मगर वे ट्रेंड नहीं थी जिस वजह से संविदा नर्से वार्ड में तो ड्यूटी करने को तैयार हो गईं, मगर उन्होंने लेबर रूम संभालने से साफ इंकार कर दिया। इस कारण स्थायी नर्स उमा को हड़ताल से ड्यूटी पर वापस बुलाया गया था। हालांकि शाम व रात को लेबर रूम में किसी स्थाई नर्स ने काम करने से मना कर दिया।