डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल के 16 वार्डो में इलाज व्यवस्था रही चौपट

संविदा व एजेंसी के स्टाफ से मरीजों के इलाज की कोशिश

BAREILLY:

अपनी मांगों को लेकर नर्सेज के हड़ताल पर चले जाने से फ्राइडे को डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल की इलाज व्यवस्था चरमरा गई। वेतन, विनियमतीकरण व अन्य मांगों को लेकर राजकीय नर्सेज संघ की अगुवाई में हॉस्पिटल की सभी स्थाई स्टाफ नर्सेज व सिस्टर हड़ताल पर रही। सुबह 8 बजे ही स्थाई पदों पर तैनात नर्सेज ने हड़ताल कर काम काज ठप कर दिया। इस दौरान संविदा पर तैनात नर्सेज और एजेंसी की ओर से नियुक्त स्टाफ ने ही मरीजों के इलाज की बागडोर संभालने की कोशिश की। ज्यादातर वार्ड खाली रहे। महज एक या दो नर्स के भरोसे ही वार्डो में मरीजों के इलाज की आधी अधूरी व्यवस्था की गई। नर्सेज ने तीनों ही शिफ्ट में सुबह 8 से दोपहर 2 बजे, दोपहर से रात 10 बजे और रात 10 से सुबह 8 बजे हड़ताल पर रहने का ऐलान किया।

16 वार्डो में मचा हाहाकार

नर्सेज की हड़ताल से हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड, बच्चा वार्ड, टीबी वार्ड, एमडीआर वार्ड, आइसोलेशन वार्ड, बर्न यूनिट, पेईग वार्ड, हार्ट वार्ड और सर्जिकल वार्ड समेत कुल 16 वार्डो में इलाज व्यवस्था ठप सी पड़ गई। इमरजेंसी वार्ड और बच्चा वार्ड में सबसे ज्यादा क्राइसिस रही। मरीजों से भरे हुए इमरजेंसी वार्ड में महज 3 एजेंसी के स्टाफ पर इलाज का दारोमदार रहा। वहीं बच्चा वार्ड की हालत और भी खराब रही। बच्चा वार्ड में रोजाना जहां 3-4 स्टाफ रहता था, वहीं फ्राइडे को तीनों शिफ्ट में एक ही संविदा स्टाफ नर्स पर जिम्मा रहा।

------------------------------

मौजूद स्टाफ के सहारे ही सभी वार्डो में मरीजों के इलाज की व्यवस्था की गई। कई जगह दिक्कत आई लेकिन हम मुहैया रिसोर्सेज पर ही व्यवस्था चला सकते हैं। - डॉ। परवीन जहां, सीएमएस