इंसीनरेटर तक नही पहुंच रहा है अस्पतालों से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट

कई क्लीनिक, पैथोलॉजी और नर्सिग होम्स कचरा निस्तारण में कर रहे मनमानी

ALLAHABAD: शहर का पाल्यूशन लेवल बढ़ाने में नर्सिग होम्स, डेंटल क्लीनिक और पैथोलॉजी भी पीछे नही हैं। इनके यहां से निकलने वाला मेडिकल वेस्ट शहर की आबो हवा को खराब कर रहा है। यहां तक कि इंसीनरेटर तक इस वेस्ट को प्रॉपर तरीके से नहीं भिजवाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग भी इस ओर खास कार्रवाई नहीं कर रहा है। अगर कार्रवाई की जाए तो इधर-उधर मेडिकल वेस्ट फेकने वाले सेंटर्स इसे इंसीनरेटर भेजने लगेंगे।

600 में 475 हैं राइट टाईम

जिले में शहरी और ग्रामीण एरिया मिलाकर कुल 600 नर्सिग होम्स, डेंटल क्लीनिक और पैथोलॉजी हैं। इनको नियमानुसार अपना कचरा इंसीनरेटर में भिजवाना होता है। लेकिन, इलाहाबाद में ऐसा नहीं हो रहा है। महज 475 ही इस नियम का पालन कर रहे हैं। बाकी शहर में जगह-जगह कचरा फेंककर घातक बीमारियां फैला रहे हैं।

कितना खतरनाक है वेस्ट

मेडिकल वेस्ट पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक है। इसमें शामिल सीरिंज, ब्लड, सर्जिकल पार्ट सहित तमाम वेस्टेज पदार्थ सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। यहां तक निडिल अगर किसी को चुभ जाए तो घातक संक्रामक बीमारी दे सकती है। बावजूद इसके कुछ मेडिकल सेंटर्स जागरुक नहीं हो रहे हैं। जबकि, स्वास्थ्य विभाग से लाइसेंस लेते समय इनको मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के आदेश भी दिए जाते हैं। यहां तक कि कई सेंटर्स ने अब तक इंसीनरेटर में अपना पंजीकरण भी नहीं कराया है।

हमारे यहां 150 सेंटर्स ने पंजीकरण कराया है। इनका वेस्टेज प्रापर तरीके से आता है। कई सेंटर्स ऐसे हैं जो मनमानी कर रहे हैं। उनको अपना वेस्टेज इंसीनरेटर तक भेजना चाहिए। इस वेस्टेज से पर्यावरण को काफी खतरा होता है।

हरिओम शरण द्विवेदी, डायरेक्टर, संगम मेडिवर्स प्राइवेट लिमिटेड

बहुत से क्लीनिक और हॉस्पिटल जागरुक हो रहे हैं। उन्होंने अपना वेस्टेज भिजवाना शुरू किया है। हमारे यहां 325 सेंटर्स पंजीकृत हैं। उम्मीद है बाकी लोग भी इस नियम का पालन करेंगे।

जेके महरोत्रा, डायरेक्टर, फेरो