-यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं 5 मार्च से 30 अप्रैल के बीच होंगी

-11 साल से लटकी पीएचडी का वायवा अब कराया जाएगा

KANPUR : लास्ट इयर की परीक्षा में यूनिवर्सिटी ने 34 कॉलेजों को सामूहिक नकल के आरोप में लिप्त पाया था। इन कॉलेजों को इस बार फिर परीक्षा केंद्र बनाया जा रहा है, लेकिन यूनिवर्सिटी का ऑब्जर्वर डेरा डालकर परीक्षा कराएगा। जिस कॉलेज में छात्रों की संख्या सौ से कम होगी उसे सेंटर नहीं बनाया जाएगा। एलएलबी के परीक्षाएं 28 जनवरी से कराई जाएंगी यह परीक्षा दस दिन तक चलेंगी। इम्प्रूवमेंट परीक्षा की वजह से शेड्यूल में बदलाव किया जा रहा है। यह डिसीजन गुरुवार को सीएसजेएमयू की परीक्षा समिति की हुई अहम मीटिंग में लिया गया। यूनिवर्सिटी की परीक्षाएं 5 मार्च से 30 अप्रैल के बीच कराई जाएंगी।

70 परसेंट मा‌र्क्स पर कॉपी चेक होगी

जिन कॉलेजों की ओएमआर सीट में 70 परसेंट मा‌र्क्स मिलेंगे तो उन सभी स्टूडेंट्स की शीट चेक कराई जाएगी अगर सवाल गलत सही एक जैसे मिलेंगे तो उन्हें नकल की कैटेगिरी में शामिल किया जाएगा। चैलेंज इवेलुवेशन का प्रॉसेस यूनिवर्सिटी अडॉप्ट करने जा रही है। इसमें अगर दिए मा‌र्क्स से 15 परसेंट तक का डिफरेंस होगा तो उसमें कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। अगर 15 से 35 परसेंट के बीच चेंज हुआ तो स्टूडेंट्स द्वारा जमा फीस में ढाई हजार रुपए वापस किए जाएंगे। 35 से ऊपर मा‌र्क्स का मामला आने पर दो एक्सपर्ट से कॉपी चेक कराई जाएगी, इसमें गुरुजी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।

6 महीने में अधूरा रिजल्ट ठीक कराएं

अगर स्टूडेंट्स का रिजल्ट किसी भी रीजन से अधूरा है तो फिर उसे 6 महीने में करेक्ट कराना होगा बाद में फिर इसे इंटरटेन नहीं किया जाएगा। करीब 11 साल पुराने पीएचडी का वायवा अब कराया जाएगा। यूपीटीटीआई के प्रो। प्रमोद कुमार की पीएचडी यूनिवर्सिटी में फंस गई थी। गवर्नर के यहां शिकायत की गई जिस पर कमेटी ने जांच की। जांच के बाद यूनिवर्सिटी ने अब डिसीजन लिया है कि पीएचडी का वायवा कराया जाए।