नई दिल्ली (पीटीआई)। दिल्ली-एनसीआर में जनजीवन बेहाल है।गुरुवार को नए मोटर वाहन कानून के विरोध में गुरुवार को यहां हड़ताल है। हड़ताल के कारण कई निजी बसों, टैक्सी और ऑटोरिक्शा के पहिए थम से गए हैं। हालांकि दिल्ली मेट्रो और दिल्ली परिवहन निगम की बसें चल रही हैं। हड़ताल को लेकर धरना प्रदर्शन भी हो रहा है।  

50 से अधिक परिवहन संघ और यूनियन हड़ताल में शामिल
वहीं संयुक्त मोर्चा ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (यूएफटीए) के महासचिव श्यामलाल गोला ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर में 50 से अधिक परिवहन संघ और यूनियन हड़ताल में भाग ले रहे हैं। यूएफटीए रोड ट्रैफिक लगातार पेनाल्टी और नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत प्रावधानों में हुए बदलाव को वापस लेने की मांग कर रहा है।

हड़ताल से ऑफिस, स्कूल-काॅलेज जाने में हो रही परेशानी
दिल्ली-एनसीआर में हड़ताल से ऑफिस, स्कूल-काॅलेज जाने में परेशानी हो रही है। राष्ट्रीय राजधानी में कई स्कूल हड़ताल के कारण बंद हैं। सरकारी कर्मचारी किशोरी लाल ने बताया कि हमेशा बस से ऑफिस जाते हैं लेकिन पिछले आधे घंटे से कोई बस नहीं है। ऐसे में ऑफिस पहुंचने में देर हो रही है इसलिए वह अब मेट्रो का सहारा ले रहे हैं।

ऑटोरिक्शा रोक कर सवारी को उतारने का बना रहे दबाव
यात्रियों के अतिरिक्त भार के कारण डीटीसी बसों में सामान्य से अधिक भीड़ दिखाई दे रही। कुछ ऑटोरिक्शा में यात्रियों को सफर करते देखा जा रहा है। हालांकि ऑटोरिक्शा चालकों का कहना है कि हड़ताल कर रहे एसोसिएशन के लोग उन्हें बीच रास्ते में ही रोक ले रहे हैं और सवारी को उतारने का दबाव बना रहे हैं। इससे काफी परेशानी है।

 

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