- पुलिस ने हापुड़ अड्डे पर ही किया फोकस

- कौमी एकता समिति की अपील भी नहीं आई काम

मेरठ। शहर का माहौल भांपने में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह नाकाम साबित हुए। इंटेलीजेंस का भी पूरे मामले में फेल्योर दिखाई दिया और पुलिस भी उपद्रवियों से निपटने में नाकाम रही।

पूरी थी तैयारी

जिस तरह भीड़ ने पूरे शहर में चारों तरफ बवाल किया और प्लानिंग के तहत पत्थर बरसाए, इससे साफ है कि बवालियों ने पूरी तैयारी कर रखी थी। उन्होंने शहर में बेखौफ होकर पुलिस के सामने बवाल किया और पुलिस का अलर्ट का दावा हवाई साबित हुआ, जबकि पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन और विरोध की तैयारी करने वालों की लगातार गिरफ्तारी की जा रही थी.

फ्लैग मार्च का&खौफ नहीं

जुमे की नमाज से पहले कानून व्यवस्था और उपद्रवियों में पुलिस का भय बनाए रखने के लिए गुरुवार रात को फ्लैग मार्च निकाला गया था, लेकिन इसका कोई असर दिखाई नहीं दिया। इंटेलीजेंस अलर्ट रहती तो स्थिति को भांप कर बवाल से निपटने की तैयारी की जा सकती थी।

पल-पल का अपडेट

मेरठ में बवाल की जानकारी जैसे ही लखनऊ में बैठै आला अधिकारियों तक पहुंची तो वहां भी अफरा-तफरी मच गई। पल-पल का अपडेट मेरठ के एसएसपी अजय साहनी और डीएम अनिल ढींगरा से लिया जा रहा था। इधर, शहर में जैसे-जैसे बवालियों की भीड़ बढ़ती जा रही थी, वैसे-वैसे अधिकारियों के हाथ-पैर फूलते जा रहे थे।


शांति की अपील बेकार

शहर के गणमान्य लोगों ने शहर में शांति की अपील की थी। शहर काजी, नायब शहर काजी, पूर्व सांसद शाहिद अखलाक, अनस चौधरी, बदर अली समेत सभी ने शांति की अपील की थी। सोशल मीडिया पर वीडियो भी शांति के लिए एसएसपी ने अपने मेरठ मीडिया सेल से भिजवाई थी, लेकिन बवालियों ने किसी की नहीं सुनी और पूरे शहर को आग की चपेट में डाल दिया।


परेशान रहे लोग

शहर के एक हिस्से में उपद्रव की खबर तेजी से दूसरे हिस्सों में भी फैलने लगी। इसके बाद अखबार के दफ्तरों में फोन कॉल्स का भी सिलसिला शुरू हो गया। लोग काम से जल्दी अपने घरों में पहुंचे।


कौन थे नकाबपोश

हापुड़ रोड पर उपद्रवियों की भीड़ में नकाबपोश युवक भी शामिल थे, जिन्होंने पथराव शुरू किया और बाद में फायरिंग भी की। उनकी देखा-देख्री भीड़ का पूरा तंत्र इकट्ठा हो गया। इन नकाबपोशों ने योजनाबद्ध तरीके से वाहनों में आग लगाई। पुलिस की फायरिंग से भी बवाली पीछे नहीं जा रहे थे, बल्कि आगे की ओर आकर पुलिस पर गाली-गलौज और पत्थर बरसा रहे थे। खुफिया विभाग के लिए अब यही सबसे बड़ी चुनौती है कि आखिर वे नकाबपोश कौन थे, जो पथराव और आगजनी कर रहे थे और फिर मौके से फरार हो गए।