आखिर किसने मारा मेरे माता-पिता को?
पीएमसीएच के ट्रामा सेंटर में एडमिट सुधा आज भी यह नहीं जानती कि उसके माता-पिता को किसने मारा। पुलिस ने आज तक उसके पिता और मां की हत्या में किसी की गिरफ्तारी नहीं की है। सुधा कहती हंै कि कानून से तो मेरा भरोसा ही उठ गया है. 
इस स्टोरी पर अपनी राय हमसे शेयर करें?

मदद की है दरकार
सुधा कुछ दिनों से पटना पीएमसीएच के ट्रॉमा वार्ड में एडमिट हंै। चक्कर आने की वजह से स्कूल की छत से वह नीचे गिर गई थी। उसके एक हाथ और एक पैर की हड्डी टूट गई है। रीढ़ की हड्डी में भी उसे गहरी चोट आई है। उसकी मौसी और जमुई के रहने वाले वशिष्ठ पाण्डेय मिलकर मासूम सुधा का इलाज करा रहे हैं। उसके मौसी-मौसा भी आर्थिक रूप से मजबूत नहीं है। इसलिए उसका प्रॉपर इलाज भी नहीं हो पा रहा है। फिर भी उसके चेहरे पर कोई सिकन नहीं है। वह कहती हैं कि मैं इतनी जल्दी हार मानने वाली नहीं हूं। मैं आईएएस बनकर ही रहूंगी।     

इस स्टोरी पर अपनी राय हमसे शेयर करें?  
अपना फीडबैक हमें whatsapp करें 9835817684 पर.

आखिर किसने मारा मेरे माता-पिता को?

पीएमसीएच के ट्रामा सेंटर में एडमिट सुधा आज भी यह नहीं जानती कि उसके माता-पिता को किसने मारा। पुलिस ने आज तक उसके पिता और मां की हत्या में किसी की गिरफ्तारी नहीं की है। सुधा कहती हंै कि कानून से तो मेरा भरोसा ही उठ गया है. 

मदद की है दरकार

सुधा कुछ दिनों से पटना पीएमसीएच के ट्रॉमा वार्ड में एडमिट हंै। चक्कर आने की वजह से स्कूल की छत से वह नीचे गिर गई थी। उसके एक हाथ और एक पैर की हड्डी टूट गई है। रीढ़ की हड्डी में भी उसे गहरी चोट आई है। उसकी मौसी और जमुई के रहने वाले वशिष्ठ पाण्डेय मिलकर मासूम सुधा का इलाज करा रहे हैं। उसके मौसी-मौसा भी आर्थिक रूप से मजबूत नहीं है। इसलिए उसका प्रॉपर इलाज भी नहीं हो पा रहा है। फिर भी उसके चेहरे पर कोई सिकन नहीं है। वह कहती हैं कि मैं इतनी जल्दी हार मानने वाली नहीं हूं। मैं आईएएस बनकर ही रहूंगी।     

इस स्टोरी पर अपनी राय हमसे शेयर करें?  

अपना फीडबैक हमें whatsapp करें 9835817684 पर।