अमेरिका ने ईरान पर लगाए प्रतिबंध लिए वापस

कच्चे तेल के बाजार में आए इस हड़कम्प की सबसे बड़ी वजह ईरान पर लगा प्रतिबंध हटाया जाना है। प्रतिबंध हटने के बाद ईरान अब कच्चे तेल का उत्पादन और बढ़ाने की योजना बना रहा है। ऐसे में तेल की कीमतों में अभी और गिरावट के आसार हैं। तेहरान ने परमाणु प्रोग्राम में कटौती करने के अपने वादे को पूरा किया है। ईरान के सुधरे हुए रवैये को देखकर अमेरिका ने ईरान पर लगाए गए अंतरराष्ट्रीय परमाणु आर्थिक प्रतिबंधों को वापस ले लिया है।

तेल उत्पादन में ईरान करेगा बढ़ोतरी

ईरान से प्रतिबंध हटने के बाद अब वह किसी भी देश को किसी भी मूल्य पर तेल बेच सकता है। ईरान पर लगने से पहले वह 2 मिलियन प्रति बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता था। प्रतिबंध लगने के बाद यह उत्पादन 1 मिलियन प्रति बैरल के करीब रह गया। ईरान के डिप्टी पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि ईरान तेल के उत्पदन में इजाफा करके प्रतिदिन पांच लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पदन करेगा। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन ने बताया कि ईरान से तेल आयात का अवसर तब आया है जब ईरानी तेल की सप्लाई बढ़ाने से वैश्विक तेल मूल्य में अधिक गिरावट हो सकती है।

13 साल के निचले स्तर पर कच्चे तेल के दाम

ईरान अभी 11 लाख बैरल तेल का रोजाना निर्यात करता है। जल्द ही वह पांच लाख बैरल की वृद्धि करेगा। कुछ दिनों बाद वह फिर से पांच लाख बैरल की वृद्धि करेगा। भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत शुक्रवार को प्रति बैरल 26.43 पर बंद हुई थी, जो कि 2003 के बाद 13 साल का निचला स्तर है। तेल के निचले स्तर पर आने के बाद तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल के मूल्य में कुछ पैसों की कटौती भी हुई है।

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