- अभिनेता ओमपुरी का शहर से था काफी जुड़ाव

- कई फिल्मों की कर चुके हैं शूटिंग

LUCKNOW:

अपने अभिनय और बेबाकी के लिए मशहूर विश्व प्रसिद्ध अभिनेता ओमपुरी का मुंबई में उनके आवास पर दिल का दौरा पड़ने से शुक्रवार को निधन हो गया वह 66 वर्ष के थे। मुंबई फिल्म इंडस्ट्री के साथ ही लखनऊ से भी उनका जुड़ाव था। उनके निधन से शहर के रंगमंच कलाकारों के साथ फिल्मी दुनियां के कलाकारों में शोक की लहर है.ओम पुरी हाल में ही एक फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में करीब एक महीने तक शहर में रहे थे। अपने बेहतरीन अभिनय के साथ अपनी बेबाक राय के लिए वह जाने जाते थे। कुछ समय पहले पाकिस्तानी कलाकारों के विरोध पर उन्होंने अपनी बेबाक राय रखी थी जिसके कारण उनका काफी विरोध भी हुआ था।

रंगमंच से थे प्रभावित

दिवंगत अभिनेता ओमपुरी शहर के रंगमंच से बहुत प्रभावित थे। उन्होंने एक मुलाकात के दौरान कहा था कि वो खुद एक रंग कर्मी रहे हैं। इसलिए रंगमंच को बारीकी से जानते हैं। प्रयोग का नया नाम रंगमंच है। जैसे मैं रंगमंच देखना व करना चाहता हूं वो मुझे लखनऊ के रंगमंच में देखने को मिलता है। यहां पर रंगमंच में नए-नए प्रयोग के साथ नये आइडिया बहुत आते हैं। यहां पर रंगमंच का दायरा बहुत बड़ा है।

अधूरी रह गई तमन्ना

करीब छह महीने पहले ओमपुरी एक फिल्म की शूटिंग शहर में कर रहे थे। उसी दौरान इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि वो शहर में फिल्मों में काम करने से ज्यादा यहां के थियेटर में काम करना चाह रहे हैं। उन्होंने शहर के थियेटर कलाकारों से मिलकर एक नाटक का मंचन करने की इच्छा जताई थी लेकिन ओमपुरी की ये तमन्ना पूरी न हो सकी। उनके निधन से रंगकर्मियों में शोक की लहर है।

रंगकर्मियों ने दी श्रद्धांजलि

अभिनेता ओमपुरी के निधन पर शहर के तमाम रंगकर्मियों ने उनको श्रद्धांजलि दी। मदर सेवा संस्थान का चबूतरा थियेटर पाठशाला में दिवंगत अभिनेता ओमपुरी को श्रद्वांजलि दी। संस्थान के सभी सदस्यों व चबूतरा थियेटर पाठशाला के बच्चों ने दो मिनट का मौन रख उन्हें श्रद्वांजलि अर्पित की। इसके अलावा राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में कलाकार एसोसिएशन की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि सभा में कलाकारों ने मोमबत्ती जलाकर दो मिनट का मौन रख उनकी आत्म शांति की प्रार्थना की।

मैंने उनके साथ एक फिल्म की शूटिंग की थी अभी तीन दिन पहले ही मेरी उनसे मुलाकात हुई थी, वह मेरे लिए पिता के समान थे। मैं उन्हें अपनी अगली मूवी में भी लेना चाहता था। इसके लिए मैंने उनसे बात भी की तो वह बोले की जल्द ही वह डेट बताएंगे। सेट पर मेरा उनके साथ काफी अच्छा एक्सपीरियंस रहा। वह मेरे लिए गुरु की तरह थे।

सनोज मिश्रा, डायरेक्टर

2. ओमपुरी से मेरी मुलाकात साल 2014 में हुई थी। जब उनको पता चला कि मैं थियेटर आर्टिस्ट हूं तो उन्होंने मुझे गले लगा लिया। काफी देर तक उनसे रंगमंच के बारे में बात होती रही। वो जितने बड़े अभिनेता थे उतने अच्छे इंसान भी थे। इतने बड़े आर्टिंस्ट होने के बावजूद उनका रंगमंच को लेकर प्यार बरकरार था।

मुकेश वर्मा, वरिष्ठ रंगकर्मी

3. ओमपुरी से मेरी कई बार मुलाकात हुई। उनकी एक खासियत थी कि वो किसी को छोटा बड़ा नहीें समझते थे। सबके साथ एक जैसा व्यवहार था। वो बहुत ही इजी अवेलबेल थे। खासकर छोटे डायरेक्टर को वह बहुत अहमियत देते थे।

विनोद मिश्रा, सचिव, कलाकार एसोसिएशन

4 मैंने ओमपुरी के साथ 2012 में एक फिल्म की थी ओमपुरी जैसे कलाकार के साथ काम करने में नर्वस था मगर उन्होंने सेट पर मुझे हौसला दिया और मेरे काम की तारीफ की। उनका इस तरह जाना बहुत ही दुखद है।

महेश चंद्र देवा, वरिष्ठ रंगकर्मी