मुलाकात से शुरु हुई बहस
दरअसल यह मामला उमर और राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की मुलाकात के बाद शुरु हुआ। माधव ने इस मुलाकात को लेकर इशारों ही इशारों में उमर पर तंज कस दिया। फिर क्या उमर भी पीछे नहीं रहे और उन्होंने टि्वटर पर लिखा कि वह राम माधव को चेतावनी देते हैं, घाटी में फैले तनाव और अशांति के पीछे हमारा हाथ है इसे साबित करके दिखाए। इससे पहले माधव ने टि्वटर पर लिखा था कि, 'राजनीतिक हल निकालने वाली मुलाकातें राजनीतिक लाभ लेने के लिए होती हैं। बस इसी बात पर उमर नाराज हो गए।


आजादी के नारे का मतलब पूछा
राम माधव इतने में चुप नहीं बैठे, उन्होंने उमर से आजादी के नारे का मतलब भी पूछ लिया और लिखा कि जब आप सत्ता में थे तब आपने कभी पत्थर फेंके जाने की राजनीतिक बातचीत से समाधान निकालने की बात नहीं सूझी। तब उमर ने जवाब दिया कि, आपके पास आईबी, रॉ और सीआईडी है अगर सबूत मिलते हैं तो हमारे खिलाफ देशद्रोह के मामले में इस्तेमाल कीजिए। वरना अशांति फैलाने के आरोप लगाना बंद कीजिए।

Interesting News inextlive from Interesting News Desk

 

 

 

Interesting News inextlive from Interesting News Desk