नई दिल्ली (एएनआई)। कोविड-19 को लेकर नेशनल टास्क फोर्स ने भारत में कोरोना वायरस की जांच के लिए कुछ सुधारों की सिफारिश की है। विशेषज्ञों ने जांच की प्रक्रिया आसान करते हुए पहली बार ऑन डिमांड जांच की मंजूरी दे दी है। सलाह में कहा गया है कि जो भी चाहे कोरोना वायरस की खुद से जांच करवा सकता है। अब देश-विदेश में यात्रा करने से पहले उन्हें कोविड-19 जांच की नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

मरीज नहीं उसका सैंपल जांच के लिए भेजना होगा

यही वजह है कि राज्य सरकारों ने जांच की प्रक्रिया को आसान बनाने का फैसला किया है। पब्लिक हेल्थ अथाॅरिटी को कांटैक्ट ट्रेसिंग प्रक्रिया को आसान बनाकर सबकी जांच सुनिश्चित करनी होगी। अस्पतालों में इमर्जेंसी प्रोसिजर में जांच की कमी का बहाना बनाकर अब देरी नहीं कर सकते। गर्भवती महिलाओं या किसी अन्य बीमारी के इमर्जेंसी में कोविड-19 जांच के लिए मरीज को रेफर करने की बजाए उसका सैंपल लेकर जांच के लिए भेजना होगा।

ताकि मां से शिशु को न फैले कोरोना वायरस

यदि मां कोविड-19 पाॅजिटिव है तो उसे मास्क पहनना होगा और बार-बार साबुन से हाथ धोना होगा। यह काम उसे अगले 14 दिनों तक बच्चा संभालने के दौरान करना होगा। ऐसी माताओं को यह भी सलाह दी जाती है कि वे शिशु को दूध पिलाने से पहले स्तन साफ कर लें ताकि शिशु को मां से कोविड-19 का संक्रमण न फैले। कंटेनमेंट जोन की लगातार निगरानी होनी चाहिए और वहां प्रवेश करने वालों की स्क्रीनिंग होनी चाहिए।

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