कानपुर। 27 मई 1962 को मुंबई में जन्मेंं रवि शास्त्री ने भारत के लिए करीब एक दशक से ज्यादा तक क्रिकेट खेला। वह बेहतरीन बल्लेबाज, गेंदबाज और फील्डर रहे। अपने इस हरफनमौला प्रदर्शन के चलते शास्त्री ने भारत को न जाने कितने मैच जिताए। साल 1985 में रवि शास्त्री के ऑलराउंडर प्रदर्शन के चलते ही भारत ने वल्र्ड चैंपियनिशप जीती थी। यह एक तरह से वल्र्डकप था, जिसमें सात देशों ने हिस्सा लिया। ऑस्ट्रेलिया में आयोजित इस टूर्नामेंट में फाइनल में पाकिस्तान को हराकर भारत चैंपियन बना था।

न्यूजीलैंड के खिलाफ रखा टेस्ट क्रिकेट में कदम

दाएं हाथ के बल्लेबाज और बाएं हाथ के गेंदबाज रहे रवि शास्त्री ने साल 1981 में न्यूजीलैंड के खिलाफ वेलिंग्टन में पहला टेस्ट मैच खेला और पहले ही मैच में छा गए। डेब्यू टेस्ट में रवि बल्ले से भले कुछ कमाल न कर पाए मगर गेंदबाजी में उन्होंने छह बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा। क्रिकइन्फो पर उपलब्ध डेटा के मुताबिक, पहली और दूसरी दोनों पारियों में शास्त्री को तीन-तीन विकेट मिले, हालांकि भारत यह मैच नहीं जीत सका मगर टीम इंडिया को एक बेहतरीन ऑलराउंडर जरूर मिल गया था।

इंग्लैंड के खिलाफ किया वनडे डेब्यू

टेस्ट क्रिकेट खेलने के कुछ महीनों बाद ही शास्त्री को वनडे टीम में जगह मिल गई। अहमदाबाद में इंग्लैंड के खिलाफ रवि ने अपना पहला वनडे खेला। इसके बाद धीरे-धीरे वह टीम के मुख्य सदस्य बन गए। न सिर्फ बैटिंग बल्कि बॉलिंग में भी शास्त्री के हुनर का कोई जवाब नहीं था। शास्त्री ने 1981 से लेकर 1992 तक इंटरनेशनल मैच खेला। इस दौरान उन्होंने कई रिकॉर्ड बनाए और तोड़े। एक रिकॉर्ड तो उनका ऐसा है जिसकी बराबरी कोई दूसरा भारतीय खिलाड़ी नहीं कर सका।

ऐसा करने वाले इकलौते भारतीय क्रिकेटर

शास्त्री के नाम टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ पांचों दिन बल्लेबाजी करने का रिकॉर्ड है। ऐसा करने वाले वह इकलौते भारतीय क्रिकेटर भी हैं। साल 1984 में इंग्लिश टीम भारत दौरे पर आई थी। पांच मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच कोलकाता में खेला गया। भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने टॉस जीतकर पहले बैटिंग का निर्णय लिया। पहले दिन भारत ने 4 विकेट के नुकसान पर 168 रन बनाए। इंग्लिश गेंदबाजों को लगा कि वह भारतीय पारी बहुत जल्दी समेट देंगे। तभी क्रीज पर बैटिंग करने उतरे रवि शास्त्री, पहले दिन के खेल खत्म होने तक शास्त्री 26 रन पर नाबाद लौटे। दूसरे दिन उन्होंने फिर बैटिंग की मगर बारिश की वजह से खेल काफी देर तक रुका रहा। आखिर में कुछ घंटे मैच चला मगर शास्त्री क्रीज पर डटे रहे। तीसरा दिन रेस्ट डे था (तब टेस्ट मैच के बीच में एक रेस्ट डे होता था)। इसके बाद भारत ने तीसरे दिन फिर बल्लेबाजी की और उस दिन शास्त्री ने शतक जड़ा।

इस तरह पाचों दिन की बल्लेबाजी

तीसरे दिन के खत्म होते-होते भारत ने 348 रन बना लिए थे और उधर शास्त्री 108 रन पर नाबाद पवेलियन लौटे। चौथे दिन जब फिर भारत ने कुछ देर बल्लेबाजी की 437 रन पर पारी घोषित कर दी। अब बारी थी इंग्लैंड की पहली पारी की। मेहमान बल्लेबाज चौथे दिन का खेल खत्म होने से पहले 2 विकेट पर 99 रन ही बना पाए। मगर आखिरी दिन भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लैंड की पहली पारी 276 रन पर समेट दी थी। इधर पांचवें दिन का खेल खत्म होने में थोड़ा समय था। बस फिर क्या कप्तान गावस्कर ने खुद बैटिंग न करते हुए दूसरी पारी में रवि शास्त्री को ओपनिंग में भेज दिया। टीम इंडिया अभी 29 रन ही बना पाई थी कि आखिरी दिन का खेल खत्म हो गया। इस तरह रवि शास्त्री किसी एक टेस्ट मैच में पाचों दिन बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ी बन गए।

कोहली ने किया बर्थडे विश

आज जब रवि शास्त्री अपना 58वां जन्मदिन मना रहे, तो विराट कोहली उन्हेंं विश करना नहीं भूले। विराट ने अपनी, धोनी और शास्त्री की एक साथ वाली तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, 'बहुत लोग कांफिडेंट दिखते हैं मगर बहादुर कम ही होते। हैप्पी बर्थडे रवि भाई।' बता दें शास्त्री टीम इंडिया के कोच बनने से पहले टीम डायरेक्टर थे, मगर जबसे उन्होंने कोचिंग का पदभार संभाला है। भारत का अभी तक का प्रदर्शन बेहतर रहा। रवि की देखरेख में विराट सेना ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाली पहली एशियाई टीम बनी। यही नहीं पिछले साल हुए वल्र्डकप में भारत फाइनल तक पहुंचा और आईसीसी टेस्ट चैंपियनशिप में भारत पहले नंबर पर है।

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