कानपुर। साल 1896 की बात है, इंग्लिश क्रिकेट टीम तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने अफ्रीका गई थी। पहला मैच पोर्ट एलिजाबेथ में खेला गया था। साउथ अफ्रीकी कप्तान हेलिविली ने टाॅस जीतकर पहले फील्डिंग का निर्णय लिया। इंग्लिश टीम बल्लेबाजी करने मैदान में आई। जैसी का इंग्लैंड कप्तान को उम्मीद थी, उस हिसाब से उनके बल्लेबाज प्रदर्शन नहीं कर पाए। इंग्लैंड की पूरी टीम पहली पारी में 185 रन पर सिमट गई। टीम के आधे बल्लेबाज तो दहाई का अंक भी नहीं छू पाए। इंग्लैंड की तरफ से सबसे ज्यादा 43 रन सीबी फ्राई ने बनाए। अफ्रीकी टीम को लगा कि वह दूसरी पारी में बड़ा स्कोर बनाकर मेहमान टीम पर दबाव बना लेंगे, मगर ऐसा नहीं हो सका।
लगातार गिर रहे थे विकेट
साउथ अफ्रीकी टीम जब बैटिंग करने आई तो इनके बल्लेबाजों की स्थिति तो इंग्लिश बल्लेबाजों से भी खराब रही। गेंदबाजों की मददगार सेंट जार्ज पार्क की पिच में साउथ अफ्रीका के बल्लेबाज ज्यादा देर टिक नहीं सके। पूरी अफ्रीकी टीम पहली पारी में 93 रन पर ऑलआउट हो गई। टीम के सात बल्लेबाज दहाई का अंक भी नहीं छू सके। अब इंग्लैंड की दूसरी पारी की बारी थी, इस बार इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने पिछली गलती नहीं दोहराई। इंग्लिश टीम दूसरी पारी में 226 रन बनाने में कामयाब रही। अब मेजबान अफ्रीका को जीत के लिए 319 न चाहिए थे।
30 रन पर सिमट गई साउथ अफ्रीकी टीम
साउथ अफ्रीका के लिए यह टारगेट आसान तो नहीं था, मगर इसे असंभव बना दिया इंग्लैंड के गेंदबाजों ने। उस दिन इंग्लिश बाॅलर्स ने ऐसी गेंदबाजी की कोई भी अफ्रीकी बल्लेबाज पिच पर रुक नहीं पाया। अफ्रीकी टीम 30 रन पर ऑलआउट हो गई। टेस्ट क्रिकेट में पहली बार कोई टीम इतने कम स्कोर पर ढेर हुई थी। हालांकि टेस्ट में सबसे कम स्कोर बनाने का रिकाॅर्ड न्यूजीलैंड के नाम है। कीवी टीम साल 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ 26 रन पर सिमट गई थी।
कभी 42 रन पर ऑलआउट हुई थी टीम इंडिया
टीम इंडिया का टेस्ट क्रिकेट में सबसे लो स्कोर 42 रन है। भारत ने यह शर्मनाक रिकाॅर्ड 1974 में बनाया था। ये मैच इंग्लैंड के खिलाफ लाॅर्डस मैदान पर खेला गया था।
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