नई दिल्ली (एएनआई)। 1986 में भारतीय टीम जब इंग्लैंड दौरे पर गई थी। तो पहले ही टेस्ट मैच में ऐसी अप्रत्याशित जीत मिल जाएगी यह किसी ने नहीं सोचा था। क्रिकइन्फो के डेटा के मुताबिक, इस मैच में इंग्लिश टीम ने पहली पारी में 294 रन बनाए थे। जिसके जवाब में भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी 341 रन पर समाप्त की। इसके बाद इंग्लैंड के बल्लेबाज दूसरी पारी में 180 रन पर ही सिमट गए। ऐसे में भारत के पास मैच जीतने का बेहतरीन मौका था और उन्होंने दूसरी इनिंग्स में 5 विकेट खोकर 136 रन का लक्ष्य हासिल कर लिया और इतिहास रच दिया। इसी के साथ कपिल देव लॉर्ड्स में टेस्ट जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान बन गए।



फिर 28 साल बाद मिली जीत

साल 1986 में पहली जीत मिलने के बाद भारत को दूसरी जीत के लिए 28 साल इंतजार करना पड़ा। कप्तान एमएस धोनी की अगुआई में भारत ने लॉर्ड्स में दूसरी जीत 2014 में हासिल की थी। लॉर्ड्स में भारत को दूसरी बार जीत दिलाने वाले हीरो अजिंक्य रहाणे थे। तब रहाणे को टेस्ट खेले सिर्फ एक साल हुआ था मगर सेलेक्टर्स ने उनके ऊपर भरोसा जताया और टीम में रख लिया। पांच मैचों की इस सीरीज में पहला मैच मेहमान भारत के नाम रहा। दूसरा मैच लंदन के लॉडर्स में खेला गया। यह वही मैदान था जहां भारत पिछले 28 सालों में कोई मैच नहीं जीत पाया। मगर उस दिन इतिहास रचने जा रहा था, भारत की तरफ से रहाणे को छोड़ कोई भी बल्लेबाज शतक नहीं लगा पाया। रहाणे के दम पर भारत ने यह मैच 95 रन से जीतकर पिछले 28 सालों का सूखा खत्म कर दिया। इस जीत का पूरा श्रेय रहाणे को मिला।

88 सालों में जीते सिर्फ दो मैच

क्रिकेट के सबसे बड़े फाॅर्मेट में लॉर्ड्स की पिच भारतीय बल्लेबाजों के लिए बड़ी मुसीबत से कम नहीं। यहां भारत ने पहला टेस्ट 1932 में खेला था। तब से लेकर अब तक 88 सालों में भारत ने कुल 18 टेस्ट यहां खेले जिसमें दो में जीत मिली वहीं 12 मैच टीम इंडिया हार गई। जबकि चार मैच ड्रा रहे।

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