नई दिल्ली (आईएएनएस)। आज से 22 साल पहले 22 अप्रैल को शारजाह के मैदान में कुछ ऐसा हुआ था, जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें कोका कोला कप में आमने-सामने थीं। भारत के लिए ये मैच जीतना जरूरी था, नहीं तो टीम फाइनल की रेस से बाहर हो जाती। इस करो या मरो मुकाबले में सचिन तेंदुलकर ने ऐसी तूफानी पारी खेली कि कंगारु गेंदबाजों के होश उड़ गए। अब इसे संयोग कहें या कुछ और सचिन की शानदार बैटिंग से मैदान में सचमुच की आंधी आ गई थी, जिसके चलते खेल 25 मिनट के लिए बंद करना पड़ा था।

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ था मुकाबला

इस मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का निर्णय लिया। कंगारुओं की तरफ से एडम गिलक्रिस्ट और मॉर्क वॉ ओपनिंग करने आए। गिली तो 11 रन पर चलते बने मगर वॉ ने एक छोर संभाले रखा था। तीसरे नंबर पर बैटिंग करने आए रिकी पोंटिंग ने वॉ का साथ दिया। अभी टीम का स्कोर 84 रन ही हुआ था कि पोंटिंग को हरभजन सिंह ने पवेलियन भेज दिया। इसके बाद मार्टिन को आउट कर कुंबले ने ऑस्ट्रेलिया को चौथा झटका दिया। पांचवें नंबर पर बैटिंग करने आए माइकल बेवन अंत तक क्रीज पर टिके रहे। बेवन 101 रन बनाकर नाबाद लौटे। बेवन के बाद ऑस्ट्रेलिया के लिए सबसे ज्यादा रन 81 रन वॉ ने बनाए। इस तरह ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम ने निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 284 रन बनाए।

भारत की तूफानी पारी के बीच आई आंधी

भारत को जीत के लिए 285 रन बनाने थे। भारत की तरफ से सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर ओपनिंग करने आए। स्कोर बड़ा था, ऐसे में दोनों ओपनर्स पर बड़ी जिम्मेदारी थी। मगर भारत का स्कोर 38 रन हुआ था कि गांगुली आउट होकर पवेलियन लौट गए। मगर सचिन एक छोर पर टिके रहे, सचिन ने उस दिन अपने करियर की सबसे यादगार पारी खेली। भारत की तरफ से एक-एक करके बल्लेबाज आते गए और जाते गए मगर सचिन अंत तक टिके रहे। इस बीच आंधी की वजह से करीब आधे घंटे तक खेल रुका रहा। इसके बाद भारत को रिवाइज टारगेट दिया गया। भारत को 46 ओवर में 250 रन बनाने थे और भारत ने लक्ष्य हासिल कर लिया। इंडिया को डकवर्थ लुईस के तहत 26 रन से विजेता घोषित कर दिया गया। सचिन को शानदार पारी के लिए मैन ऑफ द मैच दिया गया।

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