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PRAYAGRAJ: तंबाकू का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है. इसका दुष्प्रभाव केवल तंबाकू का सेवन करने वालों पर ही नहीं बल्कि संपर्क में आने वाले व्यक्तियों पर भी पड़ता है. यह बातें मैट्रिक्स कोचिंग सेंटर में पीलीभीत बाईपास रोड स्थित ग्लेन कैंसर सेंटर के डॉक्टर राजकुमार ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के सहयोग से आयोजित जांच शिविर में कहीं.

पैसिव स्मोकिंग भी खतरनाक
डॉ. राजकुमार ने पैसिव स्मोकिंग के बारे में बताया. स्मोकिंग का सेवन करने वाले व्यक्ति के साथ या उसके संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों को भी लंग्स कैंसर होने का खतरा रहता है. उन्होंने बताया कि एक्टिव स्मोकिंग से करीब 30 पर्सेट लोगों को कैंसर होता है जबकि 5 से 10 पर्सेट लोग पैसिव स्मोकिंग से कैंसर की चपेट में आ जाते हैं.

जांच के साथ अवेयर भी किया
ग्लेन कैंसर सेंटर की टीम ने कोचिंग के स्टूडेंट्स के फेफड़ों की जांच की. डॉ. राजकुमार ने तंबाकू सेवन के दुष्प्रभावों के बारे में बताया. उन्होंने स्टूडेंट्स से किसी भी तरह के तंबाकू उत्पाद का सेवन न करने की बात कही. साथ ही, लोगों को जागरूक करने के लिए कहा.

तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल करने से कैंसर होने का खतरा रहता है, यह तो पता था, लेकिन तंबाकू का इस्तेमाल न करने वाले भी इससे प्रभावित हो सकते हैं, आज यह भी पता चला.

- सुखविंदर

नशा किसी भी तरह का हो उसके दुष्प्रभाव जरूर होते हैं, इसलिए नशे की आदत से बचना चाहिए. स्कूल कॉलेज के पास तंबाकू उत्पादों की दुकानें बंद होनी चाहिए.

- रंजीत

अगर परिवार में कोई एक व्यक्ति सिगरेट या बीड़ी का सेवन करता है तो उसका असर परिवार के सभी सदस्यों पर पड़ता है. आर्थिक नुकसान के साथ ही यह पूरे परिवार के स्वास्थ्य के लिए भी घातक है.

बनवारी

यूथ को नशे की आदत से दूर रहना चाहिए. नशे की आदत से मानसिक और शारीरिक विकास प्रभावित होता है. खुद नशा करने से बचने के साथ ही दूसरों को भी नशा छोड़ने के लिए जागरूक करना चाहिए.

राजकुमार

ज्यादातर स्टूडेंट्स किसी न किसी रूप में नशा कर रहे हैं. सिगरेट, बीड़ी के साथ ही गुटखा और खैनी से भी कैंसर व हार्ट संबंधी बीमारी होने का खतरा रहता है. इस बारे में दूसरे लोगों को भी अवेयर करूंगा.

रवि राना

तंबाकू से कैंसर होने का खतरा रहता है. यह बात जानते हुए भी ज्यादातर लोग सेवन कर रहे हैं. अपने साथ दूसरे लोगों के लिए भी ऐसे लोग खतरा बनते हैं.

मंजीत

स्कूल-कॉलेज के पास तंबाकू उत्पाद की दुकानें न खोलने का नियम है. इसके बाद भी कई स्कूलों के पास खुलेआम दुकानों पर तंबाकू उत्पाद बेचे जा रहे हैं, लेकिन उन पर कोई एक्शन नहीं होता है.

अम्बरीश

स्टूडेंट्स में नशे की आदत तेजी से बढ़ रही है. सिगरेट के साथ ही गुटखा, खैनी से नशा करने का चलन भी यूथ में तेजी से बढ़ रहा है. यूथ को इससे बचना चाहिए.

पार्थ अग्रवाल, डायरेक्टर मैट्रिक्स कोचिंग