-कर्मचारी परेशान, पेमेंट में आ रही दिक्कत

-अब एक एक मरीज से पूछकर ठीक कर रहे आईडी

LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में ई हॉस्पिटल का सॉफ्टवेयर मरीजों के साथ कर्मचारियों और डॉक्टर्स को भी परेशान कर रहा है। पिछले चार दिनों से कर्मचारी मरीजों के रजिस्ट्रेशन के हिसाब को लेकर काफी परेशान हैं। वहीं दूसरे अस्पतालों में ई हॉस्पिटल में दर्ज मरीजों की जानकारी भी केजीएमयू के डॉक्टर्स तक नहीं पहुंच रही है। जबकि इसका दावा किया गया था कि देश में कहीं भी मरीज इलाज कराए उसकी जानकारी एक क्लिक पर केजीएमयू में बैठे डॉक्टर को मिल कसेगी।

और हो गए पांच रजिस्ट्रेशन

चार दिन पहले बाराबंकी निवासी जितेंद्र शर्मा केजीएमयू में सर्जरी विभाग में दिखाने के लिए गए थे। उन्होंने सर्जरी कराई तो उनके नाम से सिस्टम पर पांच रजिस्ट्रेशन हो गए। सिस्टम पर बैठा कर्मचारी जब हिसाब देने गया तो उसके नाम से अधिक मरीज रजिस्टर्ड हुए और असलियत में संख्या बहुत कम थी। ऐसे एक दो नहीं 50 से ज्यादा कंप्यूटर आपरेटर्स ने आईटी सेल को समस्या दर्ज कराई है। इसके बाद आईटी सेल की ओर से कर्मचारियों को कहा गया है कि वे मरीज को फोन करके उनसे पता करें कि कौन सी आईडी का कार्ड उन्हें इश्यू किया गया है। उसके अलावा उस मरीज के नाम से बनी अन्य आईडी को एडिट करके दूसरे के नाम कर दिया जाए, लेकिन यह भी आसान नहीं है क्योंकि मरीज कई बार दूसरे का नंबर देते हैं। जिसके कारण काउंटर पर बैठे कर्मचारी परेशान हैं।

एनआईसी का सर्वर दे रहा झटके

केजीएमयू में ई हॉस्पिटल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि ई हॉस्पिटल का सर्वर अक्सर बंद हो जा रहा है। हर रोज एक या दो बार सिस्टम दिक्कत करता ही है। कर्मचारियों के मुताबिक ई हॉस्पिटल लागू होने के बाद से अब तक 36 बार सर्वर डाउन हो चुका है और मैनुअल पर्चे बनाने पड़े हैं। समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही।

दूसरे अस्पताल का नहीं मिल रहा डाटा

ई हॉस्पिटल सिस्टम शुरू होने पर कहा गया था कि ई हॉस्पिटल सेवा से कनेक्टेड सभी अस्पतालों की जानकारी ऑनलाइन होगी। यानि कि लोहिया अस्पताल में रजिस्टर्ड होने वाले मरीज यदि केजीएमयू पहुंचते हैं तो यहां के डॉक्टर्स को अपने आप यह जानकारी मिल जाएगी कि उनको पहले क्या इलाज दिया गया, लेकिन यहां पर ऐसा नहीं हो रहा है। अभी भी लोहिया इंस्टीट्यूट में मरीज की यूनीक आईडी अलग है और केजीएमयू पहुंचने पर आईडी बदल जाती है।

कोट--

नेटवर्क की प्रॉब्लम के कारण कुछ दिक्कते हैं। जिन्हें जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा। सर्वर की कोई समस्या नहीं है।

डॉ। संदीप भट्टाचार्य, इंचार्ज, आईटी सेल