ऐसी है जानकारी
घटना को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि 17 मार्च, गुरुवार की रात करीब 10 बजकर 45 मिनट पर कारगिल सेक्टर में 17,500 फुट की ऊंचाई पर स्थित चौकी में आर्मी के दो जवान सर्विलांस ड्यूटी पर तैनात थे। उसी समय अचानक से वहां भूकंप के झटके महसूस किए गए।

महसूस किए गए भूकंप के झटके
भूकंप के झटकों के कारण यहां हिमस्खलन हुआ। इसी हिमस्खलन की चपेट में आ गए दोनों जवान। इनमें से एक सैनिक को फिलहाल सुरक्षित बचा लिया गया है। इस जवान को चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं। अभी इनकी हालत में सुधार की खबर मिल रही है। उधर, दूसरी ओर दूसरा जवान अभी भी लापता है। मौसम खराब होने के बावजूद अभी भी उसको ढूंढने की कवायद जारी है। इसके बावजूद अभी तक उसकी कोई खबर नहीं मिल सकी है।

हुई थी ऐसी ही घटना
गौरतलब है कि बीती तीन फरवरी को सियाचीन में नियंत्रण रेखा के करीब 19,000 फुट की उंचाई पर एक जूनियर कमीशन प्राप्त अधिकारी (जेसीओ) सहित 10 सैनिक उस वक्त बर्फ के नीचे फंस गए थे। तब उनकी चौकी हिमस्खलन के चपेट में आ गई थी। सभी बर्फ के नीचे दबे थे। दबे हुए सभी सैनिकों को पहले ही मृत घोषित कर दिया गया था, लेकिन बाद में बचावकर्मियों ने लांस नायक हनुमंतप्पा को छह दिनों के बाद बर्फ के नीचे जीवित पाया गया था। इसके बाद इलाज के दौरान 11 फरवरी को उनकी मृत्यु हो गई थी।

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