लाखों लोगों ने की नारेबाजी
पेरिस में हमला के बाद वहां बढ़ी चौकसी और सर्च अभियान काफी तेज से हो रहा है. न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के मुताबिक फ्रेंच पुलिस ने कल मैगजीन शार्ली एबदो के दफ्तर पर हमला करने वाले तीन आतंकियों की पहचान की. इस मामले में पुलिस को तीन युवकों पर हमले को अंजाम देने का शक है. जिसमें दो संदिग्ध सैयद क्वाची और शेरीफ क्वाची तो सगे भाई हैं. ये दोनों सगे भाई फ्रांस के ही रहने वाले हैं. वहीं इन तीन में से एक संदिग्ध ने सोशल मीडिया में अपने नाम के चर्चा आने के बाद सरेंडर किया है. 18 साल के मौराद ने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. गिरफ्तार किए गए युवक से पुलिस मामले के संबंध में कड़ी पूछताछ कर रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शार्ली एबदो के दफ्तर पर हमले का संदिग्ध शेरीफ क्वाची 2008 में आंतकवाद के आरोपों में 18 महीने की कैद भी काट चुका है. इस बड़ी घटना के विरोध में पूरे फ्रांस में एक लाख से भी ज्यादा लोगों ने आई एम शार्ली के नारे के साथ प्रदर्शन किया.

पहले भी हो चुका हमला
गौरतलब है कि कल हथियारों से लैस बंदूकधारियों ने इस्लाम समर्थक नारे लगाते हुए एक फ्रांसीसी व्यंग्य व्यंग्य मैगजीन शार्ली एबदो के दफ्तर में धावा बोल दिया और 12 लोगों की गोली मार कर हत्या कर दी. फ्रेंच मीडिया के मुताबिक जब हमलावर मैगजीन के दफ्तर में घुसे तब उन्होंने अल्लाहु अकबर का नारा लगाया. इसके बाद हमला करने के बाद उन्होंने ऐलान किया कि हमने पैगमबर-ए-इस्लाम मोहम्मद साहिब के अपमान का बदला ले लिया है. वहीं हमले की जानकारी के बाद फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसुआ ओलांद फौरन घनास्थल पर पहुंचे और उन्होंने कैबिनेट की इमरजेंसी मिटिंग बुलाई. इसके बाद उन्होंने कहा कि आतंकियों ने पत्रकारों पर हमले किए हैं जिनकी आजादी और स्वतंत्रा फ्रांसीसी गणराज्य ने सुनिश्चित किए हैं. बताते चले कि मैगजीन ने अपने कवर पर तीन साल पहले मोहम्मद साहिब का कार्टून छापा था. इसे लेकर साल 2011 में मैगजीन के लिए पब्लिकेशन हाउस के दफ्तर पर हमला किया गया था.

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