-7 बच्चे एडमिट करने की सुविधा है एसएनसीयू में

-20 बच्चे एडमिट हैं इस समय एसएनसीयू में

-2 रेडियंट वार्मर सीएचसी से पिछले माह मिले

-7 रेडियंट वार्मर हैं अभी एसएनसीयू में

- कार्रवाई से बचने के लिए जिला महिला अस्पताल में एक ही रेडियंट वार्मर पर दो बच्चे एडमिट

-क्षमता से दोगुने से ज्यादा बच्चे एडमिट हैं एसएनसीयू में, बच्चों को साथ लिटाने से हो सकता है संक्रमण

बरेली: जिला महिला अस्पताल मासूमों की जान से खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहा है। सीवियर कंडिशन होने पर भी एसएनसीयू में एक रेडियंट वार्मर पर दो बच्चों को एडमिट किया जा रहा है। क्योंकि सीएमएस को कार्रवाई का डर सता रहा है। उनका कहना है कि एक ही रेडियंट वार्मर पर दो बच्चे एडमिट करना उनकी मजबूरी है। अगर वह नहीं एडमिट करती हैं तो बच्चों के गार्जियन कंप्लेन करने की धमकी देते हैं। वहीं दैनिक जागरण आईनेक्स्ट में न्यूज पब्लिश होने के बाद एडी हेल्थ ने निरीक्षण किया था, जिसके बाद जिला महिला अस्पताल में दो रेडियंट वार्मर भिजावाए गए थे। इसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं है।

क्षमता से दोगुने बच्चे एडमिट

जिला महिला अस्पताल के एसएनसीयू में लगातार गंभीर हालत में मासूम पहुंच रहे हैं। एसएनसीयू यूनिट में महज सात बच्चों को ही एडमिट करने की सुविधा है, लेकिन अभी इस समय 20 बच्चे एडमिट किए गए हैं। सभी बच्चे की सीवियर कंडीशन के चलते एडमिट कर लिए गए है, लेकिन साथ में लिटाने से एक बच्चे से दूसरे बच्चे को संक्रमण हो सकता है, जिससे उनकी जान को खतरा हो सकता है।

शासन का आदेश दरकिनार

शासनादेश की माने तो एसएनसीयू में मौजूद रेडिएंट वार्मर और फोटो थैरेपी मशीन में सिर्फ एक ही बच्चा लिटाने का आदेश है, लेकिन कार्रवाई के डर से शासन के आदेश को दरकिनार कर सीएमएम के आदेश पर एक मशीन में दो बच्चे एडमिट किए जा रहे हैं।

तो हो जाएगा जबाव-तलब

महिला सीएमएस ने शासन को पत्र लिखकर स्थिति के बारे में अवगत कराया है। एक ही रेडियंट वार्मर पर दो बच्चे एडमिट करने की बात पूछने पर बताया कि मैं मजबूर हूं। अगर बच्चों को भर्ती नहीं किया गया तो तीमारदार कार्रवाई की धमकी देते हैं। ऐसे में शासनादेश का उल्लंघन कर मजबूरन बच्चों को एडमिट करना पड़ रहा है।

पहले हुई थी कार्रवाई

करीब दो माह पहले देहात क्षेत्र के एक मासूम बच्चे की मौत डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मौत हो गई थी, मामला सीएम के पास पंहुचने के बाद पूर्व एडीएसआईसी डॉ। केएस गुप्ता को शासन ने निलंबित कर दिया था, वही महिला सीएमएस डॉ। अलका शर्मा के खिलाफ जांच के आदेश दिए थे, इस कारण ही कार्रवाई से बचने के लिए महिला सीएमएस बच्चों की जान जोखिम में डाल रही है।

दो मिले थे रेडिएंट वार्मर

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने जब एक ही रेडियंट वार्मर पर दो बच्चे एडमिट होने की न्यूज पब्लिश की थी तो एडी हेल्थ ने निरीक्षण किया था। न्यूज सही मिलने पर उन्होंने बेकार पड़े रेडियंट वार्मर को जिला महिला अस्पताल में भेजने के निर्देश दिए थे। ऐडी हेल्थ ने देहात के सीएचसी इंचार्जो को पत्र भेजकर रेडिएंट वार्मर और फोटो थैरेपी मशीन फौरन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे जिसके अनुपालन में नबावगंज और मीरगंज से दो रेडिएंट वार्मर महिला अस्पताल को मिल गए।

वर्जन

मजबूरी में बच्चों को एसएनसीयू में एडमिट किया जा रहा है। शासन को पत्र भेजकर सूचना दे दी गई है। बच्चों को भर्ती करने से इंकार करने पर परिजन शासन से शिकायत करने की धमकी देते हैं। इस कारण शासनादेश का उल्लंघन कर बच्चे भर्ती किए जा रहे हैं।

डॉ। अलका शर्मा, सीएमएस, महिला अस्पताल।