- राजभवन के आदेश के बावजूद पीपीयू प्रशासन कर रहा अनदेखी

PATNA: पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी में करीब साल भर पहले गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई थी जो अब भी पूरी नहीं हो सकी है। साइंस सब्जेक्ट के लिए इंटरव्यू करीब ढाई माह पहले हुआ था, लेकिन अब तक रिजल्ट नहीं आया है जबकि आर्टस विषय में फैकल्टी को लेकर कोई काम ही नहीं किया गया है। इसके कारण पीपीयू के कॉलेजों को शिक्षक नहीं मिल रहे हैं और कॉलेज बड़ी मुश्किल से अपनी रुटीन पढ़ाई का काम किसी प्रकार से आगे बढ़ा रहे हैं। जबकि गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति दो से तीन माह में पूरी किये जाने का निर्देश था। हद तो यह है कि इस समस्या को लेकर न कोई मंथन है, न कोई चर्चा कि आखिर इस प्रक्रिया को कैसे समय पर पूरा कर ले।

आदेश की हो रही अनदेखी

पीपीयू में आखिर किस कारणों से गेस्ट फैकल्टी का काम लंबित हो रहा है। इस सवाल का जबाव कोई नहीं दे रहा है। प्रो वीसी डॉ जीके चौधरी ने सिर्फ इतना कहा कि स्थापना शाखा से जुड़ा यह मामला है। जबकि इस बारे में और कोई जानकारी नहीं मिल रही है। नियमत: पूरी प्रक्रिया फरवरी माह में ही पूरी हो जानी चाहिए थी। इसमें कुल 582 गेस्ट शिक्षकों की निुयक्ति की जानी थी।

लापरवाह है प्रशासन

इस पूरे मामले को लेकर छात्र संघ एआईएसएफ ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। संगठन के राष्ट्रीय सचिव सुशील कुमार का कहना है कि उच्च शिक्षा को बेहतर करने के बजाय इसे गर्त में ले जाया जा रहा है। पीजी और यूजी कोर्सेज के विभिन्न विषयों की पढ़ाई गेस्ट फैकल्टी की गैर मौजूदगी के कारण प्रभावित हो रही है। यह राजभवन की अनदेखी है और इसके साथ ही पीपीयू प्रशासन की घोर लापरवाही भी है।

पीयू से सीखे पीपीयू

राजभवन के आदेश पर अक्टूबर 2018 में बिहार के विभिन्न यूनिवर्सिटीज में गेस्ट फैकल्टी की नियुक्ति कर पढ़ाई को सुचारु तरीके से आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया था। लेकिन हद तो यह है कि पीयू को छोड़ सभी यूनिवर्सिटी इस मामले में फिसड्डी साबित हुए हैं। केवल पटना यूनिवर्सिटी ने गेस्ट फैकल्टी का काम समय पूरा कर लिया और विभागों में उन्हें क्लास भी दिये जा रहे हैं। जानकारी हो कि पीपीयू सहित विभिन्न यूनिवर्सिटी में शिक्षकों की घोर कमी है और आज भी अधिकांश यूनिवर्सिटीज में एक विषय के शिक्षक यूजीसी के तय मानक को तोड़ लगातार 4-5 क्लास लेने को मजबूर हैं।

24 नवंबर को लिया था आवेदन

जानकारी हो कि पीपीयू में गेस्ट फैकल्टी के लिए 24 नवंबर को आवेदन लिया गया था। जबकि इसकी डाक्यूमेंट की हार्ड कॉपी 30 नवंबर, 2018 तक जमा ली गई थी। जबकि अभी साइंस के विषय को छोड़ किसी भी विषय में इंटरव्यू तक नहीं लिया गया है। जबकि पूरी प्रक्रिया सरल और संक्षिप्त थी। इसमें सबसे पहले विषयवार आवेदन की स्क्रूटनी की गई। इसके बाद सभी इसमें योग्य आवेदकों की इंटरव्यू प्रक्रिया पूरी कर उनकी नियुक्ति की जानी थी। लेकिन यह प्रक्रिया भी पीपीयू के लिए बोझ बन गया है।

इस पूरे मामले को इस्टैब्लिशमेंट शाखा देख रहा है। इसके अलावा कोई और जानकारी तो नहीं है।

-प्रो। जीके चौधरी, प्रो वीसी पीपीयू